कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले के अंकतडका स्थित एक सरकारी स्कूल की कक्षा के भीतर कुछ छात्रों द्वारा नमाज पढ़े जाने के मुद्दे को स्कूल के अधिकारियों, छात्रों और उनके माता-पिता के बीच शनिवार को हुई बैठक में सुलझा लिया गया। नमाज पढऩे की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति की थी। बैठक में शामिल हुए पुत्तुर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सी लोकेश ने बताया कि माता-पिता ने वादा किया है कि उनके बच्चे अब इस प्रकार की गतिविधि स्कूल परिसर में नहीं दोहराएंगे। बच्चों के माता-पिता ने इस पर सहमति जताई कि बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और उनकी गतिविधियों से स्कूल का माहौल खराब नहीं होना चाहिए। लोकेश ने कहा कि बच्चों के माता-पिता ने यह भी आश्वासन दिया है कि वे शुक्रवार को स्कूल के दौरान नमाज के लिए बच्चों को नहीं ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि स्कूल में नमाज जैसी धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्कूल की खाली कक्षा में शुक्रवार चार फरवरी को कक्षा पांच और सात के कुछ बच्चों ने नमाज पढ़ी थी क्योंकि उनके माता-पिता नमाज के लिए उन्हें लेने नहीं आए थे।