नई दिल्ली- एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से पहले दिल्ली के व्यापारियों ने महापंचायत कर सरकार से राहत देने की मांग रखी है। साथ ही कई सुधार के लिए सुझाव भेजे हैं। दरअसल, रविवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने 100 ट्रेड एसोसिएशन के साथ ऑनलाइन महापंचायत की। इस दौरान व्यापारियों ने कोरोना से जूझ रहे दिल्ली के 20 लाख व्यापारियों को बजट में राहत देने की मांग की। इस महापंचायत के संबंध में सीटीआई संयोजक बृजेश गोयल ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में बजट पेश करेंगी। इस बजट पर सभी की नजर टिकी हुई है। कोरोना के दौरान हर क्षेत्र में नुकसान हुआ है। ऐसे में हर किसी को बूस्टर डोज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 5 फीसदी और 20 फीसदी के बीच 10 फीसद का टैक्स स्लैब को वापस लिया जाना चाहिए। 10 लाख तक अधिकतम 10 फीसद और उसके बाद कॉर्पोरेट टैक्स की तरह अधिकतम 25 फीसदी टैक्स होना चाहिए। वहीं महासचिव विष्णु भार्गव ने कहा कि बुजुर्ग टैक्सपेयर को उनके टैक्स के आधार पर ओल्ड ऐज बेनीफिट मिलना चाहिए, टैक्सपेयर की वृद्धावस्था में पिछले सालों में दिये गये इनकम टैक्स के हिसाब से उसे सोशल सिक्योरिटी और रिटायरमेंट बेनिफिट दिये जाएं, तिमाही टीडीएस रिटर्न को खत्म कर दिया जाए और सारी डिटेल टीडीएस चालान के साथ ही ले ली जाए। व्यापारी रमेश आहुजा ने कहा कि व्यापारी की मृत्यु होने पर आईटीआर फाइल करने की टाइम लिमिट में छूट मिलनी चाहिए। कोरोना काल में कई मामले सामने आए, जहां टैक्स पेयर की मृत्यु हो जाने पर समय से कानूनी उत्तराधिकारी की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से पूरे दस्तावेज और लेन-देन का रेकॉर्ड उपलब्ध न होने पर उनकी आईटीआर फाइल नहीं हो पाई। व्यापारियों की चिंता है कि 7 साल से इनकम टैक्स में छूट की सीमा नहीं बढ़ाई गई, 5 लाख रुपये तक की आय वालों को टैक्स नहीं देना पड़ता, लेकिन बीते 7 साल से छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए ही बनी हुई है। इसकी वजह से टैक्स नहीं लगने के बावजूद 5 लाख की इनकम वालों को भी रिटर्न जमा करानी पड़ती है।
फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री को जीएसटी की दरों को कम करना चाहिए। साथ ही सरलीकरण की दिशा में भी काम किया जाना चाहिए। यदि इसे आसान किया जाता है तो व्यापारी अपनी रिटर्न खुद भर सकता है। उसे किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने देश में व्यापार मंत्रालय बनाने की भी मांग रखी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि कि हम 2 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे यह तभी संभव है जब मार्केट मजबूत होगी तभी यह संभव हो सकता है। मार्केट के उत्थान के लिए बजट पारित किया जाना चाहिए ताकि ताकि हम लोग पूरे समाज के सभी लोगों को साथ लेकर तरक्की कर सकें।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने वित्त मंत्री को भेजे सुझाव में मांग रखी है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। महासचिव हेमंत गुप्ता ने कहा कि मंडल द्वारा भेजे गए सुझाव में कई पहलुओं पर अपनी बात रखी गई है, यदि वित्त मंत्री इन विषयों पर विचार करती है तो सभी को राहत मिलेगा।