जयपुर- राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) पेपर लीक मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को एक बार फिर खारिज करते हुए राजस्थान सरकार ने शनिवार को सदन में कहा कि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पुलिस के विशेष बल (एसओजी) पर विश्वास रखे और मामले में दूध का दूध पानी का पानी होकर रहेगा।वहीं इस मुद्दे पर विधानसभा में हुई विशेष चर्चा पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट मुख्य विपक्षी दल के विधायकों ने सदन में नारेबाजी व प्रदर्शन जारी रखा। ए विधायक तीन कार्यदिवसों से इसको लेकर सदन में प्रदर्शन कर रहे हैं।सदन में चर्चा का सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि विपक्ष दल अपनी जिद छोडक़र मामले की जांच कर रहे पुलिस के विशेष बल (एसओजी) पर विश्वास रखे। उन्होंने कहा कि एसओजी ने विभिन्न प्रकरणों में मुख्यमंत्री से लेकर अनेक विधायकों को नोटिस जारी किए हैं तो वह किसी से डरने वाला नहीं। धारीवाल ने कहा, दूध का दूध पानी का पानी होकर रहेगा, विश्वास रखिए। उन्होंने कहा, सीबीआई को जांच देना तो जांच को गड्ढे में डालना है। धारीवाल ने सवाल उठाया कि भाजपा के पिछले शासन काल में पेपर लीक के कुल 25 मामले दर्ज हुए उनमें से किसी की जांच सीबीआई को नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग कर रही भाजपा के पास अगर इस मामले में कोई सबूत है तो वह एसओजी को दे। वहीं शिक्षा मंत्री डा बीडी कल्ला ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि एसओजी ने त्वरित गति से जांच करते हुए 38 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल व अन्य गड़बड़ी रोकने के लिए नया कानून लेकर आ रही है जिसमें सख्त प्रावधान होंगे। विपक्ष द्वारा इस प्रकरण में बार बार राजीव गांधी स्टडी सर्किल का नाम लिए जाने पर कल्ला ने कहा कि किसी एक व्यक्ति के कारण पूरी संस्था को बदनाम नहीं कर सकते। कल्ला ने कहा कि इस प्रकरण की पूरी निष्पक्षता से जांच की जा रही है और कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति हो, किसी को छोडऩे वाले नहीं है, जो भी दोषी होगा उसको सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब तक एक लाख युवाओं को नौकरी दे चुकी है व एक लाख लोगों को रोजगार देने की तैयारी है। इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस मामले में असली किरदार के चेहरे से नकाब हटे और यह तब हटेगा जब मामले की सीबीआई जांच होगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सतीश पूनियां ने राजीव गांधी स्टडी सर्किल की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए क्योंकि यह राजस्थान के करोड़ों परिवारों से जुड़ा हुआ मसला है और करोड़ों युवाओं का भविष्य इससे जुड़ा है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नारायण बेनीवाल ने भी मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने परीक्षाओं के पत्र लीक होने जैसी घटनाओं को गंभीर समस्या समझकर हल करने का प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर रहे एसओजी की सीमाएं हैं वह उस सीमा से बाहर जाकर जांच नहीं कर सकती इसलिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। सरकार के बयान के बाद सभापति राजेंद्र पारीक ने चर्चा समाप्त होने की घोषणा की। वहीं विपक्षी दल भाजपा के विधायक सरकार के बयान से संतुष्ट नहीं दिखे और रीट की सीबीआई से जांच करवाने की मांग के साथ नारेबाजी करने लगे। उल्लेखनीय है कि भाजपा के विधायक सदन के बजट सत्र की शुरुआत से ही इसको लेकर सदन में नारेबाजी व प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले सुबह सदन बैठा तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने इस मुद्दे पर सदन में दो घंटे की चर्चा करवाने की व्यवस्था दी। डॉ जोशी ने कहा कि हालांकि प्रश्नकाल स्थगित होता नहीं है लेकिन वे मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रश्नकाल स्थगित करते हैं और सदन 11.30 बजे फिर बैठेगा और रीट पर चर्चा करेगा। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के चार निलंबित विधायकों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी। भाजपा रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग कर रही है जबकि सरकार ने इसकी संभावना को सदन में पहले ही खारिज किया है। मामले की जांच एसओजी कर रहा है। भाजपा ने इस मामले को लेकर मंगलवार को राज्य विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की है।