नई दिल्ली- प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा सहित दिल्ली के हजारों किसान पिछले पांच दिनों से मुख्यमंत्री आवास के बाहर लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पांच दिनों से बैठे होने के बावजूद दिल्ली के किसानों की आवाज सुनने के लिए ना तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आए हैं और न ही उनका कोई मंत्री या विधायक ही आया है। किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत ने कहा कि पिछले पांच दिनों से आम आदमी पार्टी का कोई भी मंत्री या विधायक किसानों की सुध लेने की जहमत नहीं उठाई है ऐसे में आने वाले समय में अगर किसानों के सब्र का बांध टूटा तो उसके एकलौते जिम्मेदार अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री होंगे। रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में प्रदेश भाजपा महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल,किसान मोर्चा महामंत्री अनूप चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। विनोद सहरावत ने कहा कि केजरीवाल ने धारा 81-ए और धारा-33 को भी तुरंत हटाने की बात कही थी,लेकिन आज तक वह नहीं हटा पाए। केंद्र सरकार किसानों के बजट को हर वित्तीय वर्ष में बढ़ाने का काम किया है लेकिन केजरीवाल ने किसानों के बजट को कम इसलिए कर दिया क्योंकि सरकार के अनुसार दिल्ली में किसान रहते ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को मनवाए बिना हम नहीं जाने वाले हैं। दिल्ली के लगभग 35 गांव ऐसे हैं जिसके खेतों में पिछले सात सालों से गंदा पानी भरा हुआ है और उसका सबसे बड़ा कारण है कि ड्रेन की साफ सफाई कराने का ठेका पिछले सात सालों से एक ही ठेकेदार को दिया गया है। लेकिन आज तक केजरीवाल सरकार का कोई भी विधायक एवं मंत्री वहां जाकर किसानों से मिलने एवं उनकी मजबूरी जानने की जहमत तक नहीं उठाई।