राजधानी दिल्ली स्थित आईजीआई एयरपोर्ट से मानव अंग को मैक्स अस्पताल साकेत लाया जाना था। दिल्ली पुलिस ने एक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 20 किलोमीटर की दूरी को महज 16 मिनट में तय करवाकर यह काम किया। अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में भारी ट्रैफिक के कारण मानव अंग को अस्पताल ले जाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। वहीं, दिल्ली पुलिस के एडिशनल सीपी एके सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि मानव अंग को टर्मिनल तीन एयरपोर्ट से एंबुलेंस के जरिए मैक्स साकेत अस्पताल पहुंचाना है। पीक आवर में पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती थी कि 20 किलोमीटर की दूरी को तय करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ट्रैफिक इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार के साथ एसआई रामकिशन, कांस्टेबल मनोज और जिप्सी ड्राइवर सुरेंद्र ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस को समय पर पहुंचाया। उन्होंने बताया कि 10.30 पर फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर आई। उसके बाद 10.40 पर मानव अंग को एंबुलेंस के जरिए 10.56 तक मैक्स साकेत अस्पताल पहुंचा दिया।
प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में सबसे अहम कड़ी साबित हो रहे ग्रीन दिल्ली ऐप पर सबसे ज्यादा शिकायतें एमसीडी, डीडीए और पीडब्ल्यूडी की आई हैं। गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सरकार ने ग्रीन दिल्ली ऐप के माध्यम से मिली शिकायतों में से 32897 को दूर कर चुकी है। ग्रीन दिल्ली ऐप के माध्यम से 34411 शिकायतें अभी तक आई हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक ग्रीन दिल्ली ऐप पर आईं प्रदूषण संबंधी 96 फीसदी शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। ग्रीन दिल्ली ऐप के माध्यम से दिल्ली का कोई भी नागरिक प्रदूषण संबंधी शिकायत कर सकता है, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाती है। राय ने बताया कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में सबसे अहम कड़ी दिल्ली ग्रीन ऐप है। क्योंकि दिल्ली के दो करोड़ लोगों को प्रदूषण के खिलाफ युद्ध से जोड़ती है। दिल्ली का कोई भी नागरिक ऐप के माध्यम से प्रदूषण की शिकायत कर सकता है। जिसके माध्यम से सरकार आगे का एक्शन लेती है। यह ऐप, दिल्ली के 27 विभाग का संयुक्त प्लेटफार्म है। ग्रीन दिल्ली ऐप पर जितनी शिकायतें आती हैं, उनपर सभी 27 विभागों के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई की जाती है। जिसमें केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम के भी विभाग शामिल हैं। इस ऐप को संचालित करने के लिए हर विभाग में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।