प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष शिक्षाविद डॉ. कुलदीप शर्मा ने कहा कि दिल्ली  सरकार प्रदूषण को ढाल बनाकर दिल्ली के सभी स्कूलों को बंद कर दिया है, जिससे बच्चों के कैरियर के साथ बहुत बड़ा छल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपने वोट बैंक बढाने के लिए नित नए फ्री का लालीपॉप जनता को पकड़ा रही है। जिससे दिल्ली में जनसंख्या का घनत्व दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले सात में सालों सालों में दिल्ली सरकार सिर्फ खोखले वादे करने में लगी हुई है तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार की तरफ से इन दिनों जीरो प्रतिशत कार्य किया गया है। सरकार अपनी छवि को चमकाने के लिए करोड़ों रूपए खर्च कर रही है लेकिन दिल्ली के विकास के प्रति उनका रवैया नगण्य है। कोरोना काल में केजरीवाल सरकार द्वारा दिल् ली स्कूल शिक्षा कानून १९७३ के विपरीत जाकर सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिला दिया, और बच्चों को स्कूल में बैठने व शिक्षकों का इंतजाम नही किया। अब महामारी कम होने के बाद जब चारों ओर स्कूल खुल रहे हैं तो दिल्ली सरकार ने अपनी नामाकियों को छुपाते हुए प्रदूषण के नाम पर स्कूलों को बंद कर दिया। शर्मा ने कहा कि चारों तरफ सोशल फं क् शन, सभी त्योहार, याहं तक कि ट्रेड फेयार व्यापाल मेला भी खोल किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले ७ सालों में प्रदूषण की समस्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। दिल् ली सरकार आरोप प्रत्यारोक के सिवाय कुछ भी नही कर रही है। प्रतिवर्ष नवंबर और दिसंबर महीने में प्रदूषण के नाम पर सरकार एक प्रकार का लॉकडाउन कर देती है। शर्मा ने दिल्ली सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि सरकार बड़बोले पन से बाहर निकले और जमीनी स्तर पर काम करे वरना आने वाले दिनों में दिल्ली को स्लम बनने से कोई नही रोक सकता।