नई दिल्ली- धार्मिक एकता ट्रस्ट के संचालक शहनवाज चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कर्ज के जाल में फंसे लोगों को राहत दिलाने की मांग की है। उनकी संस्था पूरे देश में निशुल्क कर्ज मुक्त अभियान चला रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य कर्जों से परेशान लोगो को आत्महत्याओं से रोकना है। अपने अभियान के माध्यम से वह अभी तक दो लाख से अधिक लोगों को आत्महत्या से बचा चुके हैं। उनकी योजना इस अभियान से 20 करोड़ लोगों को जोड़ने की है,​ जिस पर वह निरंतर काम कर रहे हैं। कर्जमाफी योजना की शुरुआत करने वाले शहनवाज चौधरी ने मंगलवार को प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि उन्होंने सीप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है और कर्ज में फंसे लोगों को राहत देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक पांच सालों में 50,000 से अधिक हत्या और आत्महत्या के मामले ऋण के कारण सामने आ रहे हैं। जनता की कर्ज माफी को लेकर के धार्मिक एकता ट्रस्ट के बैनर तले कर्ज मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत गत वर्ष 8 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रमाण पत्र बांटने का कार्यक्रम शुरू किया गया था उसी को आगे बढ़ाते हुए अभियान को तेज करने का निर्णय लिया गया है। चौधरी ने बताया कि वह कर्ज से संबंधित आंकड़ें जुटा रहे हैं और पीड़ितों को राहत देने के लिए सभी का डाटा केंद्र सरकार के पास भेज रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा भेजे गए आंकड़ों को केंद्र सरकार फाइल नंबर देती है और सभी के लिए केंद्र सरकार विचार कर रही है, यह प्रमाण पत्र उन सभी कर्जदारों को राहत दिलाने में सहयोगी होता है जो लोग कर्ज से परेशान हैं।चौधरी ने बताया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण जिनका व्यापार बंद होने की वजह से कर्जा चुकाने में अक्षम हैं उन लोगों को बैंक के द्वारा टॉर्चर किया जा रहे हैं किसी एनबीएफसी के द्वारा टॉर्चर किया जा रहे हैं। किसी भी वित्तीय संस्थाएं समूह के द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे हैं। उन सभी को जानकारी मिल पाती है कि इन सभी ने बैंक और एनबीएफसी को तो मौखिक रूप से अपनी समस्या बताया ही है और साथ ही साथ केंद्र सरकार को अपना आवेदन दे रखा है। यह सभी कर्ज से परेशान और सरकार जल्दी से निर्णय लेगी सरकार ने जैसे बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया है वैसे ही आम जनता का भी कर्जा माफ होगा। कर्जा मुक्ति टीम ने पूरी जानकारी केम्प में आए लोगों को विस्तृत जानकारी दी

सरकार से हमारी तीन माँगें

– ऐसे सभी लोग जो नोटबंदी, जीएसटी या लॉकडाऊन के कारण क़र्ज़े की दलदल में फँसें हैं तथा वे अब क़र्ज़ा चुका पाने में असमर्थ हैं उनका एक करोड़ रूपये तक की क़र्ज़ा पूरी तरह माफ़ किया जाए

– जिन लोगों का कर्ज सरकार माफ ना कर सके उन्हें कम से कम दो वर्ष का समय दे ताकि वे स्वयं ही कर्ज उतार सकें

– ऐसे सभी ऐप और साहूकार जो गलत ढंग से लोगों के अधिक ब्याज पर पैसा देकर कर्जे की दलदल में फंसा रहें हैं वो सभी ऐप बंद किए जाए