नई दिल्ली- देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के केस कम होने के साथ ही अस्पतालों में भर्ती मरीज भी लगातार कम हो रहे है। महज दस दिनों में 44 प्रतिशत मरीज कम हो गए है। अस्पताल में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी आई है। शुक्रवार तक दिल्ली के अस्पतालों में केवल 1200 मरीज भर्ती थे। ऑक्सीजन सपोर्ट पर 398 और वेंटिलेटर पर 94 मरीज थे। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक दस दिन पहले तक अस्पतालों में 2137 मरीज भर्ती थे, जो अब 1200 रह गए है। इसमें 44 प्रतिशत की कमी आई हैं। वहीं होम आइसोलेशन में 8170 मरीज है। राहत की बात यह है कि अब अस्पतालों में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी आई है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जब दिल्ली में कोरोना के केस बढ़़ रहे थे, उस वक्त भी सिर्फ कोरोना की वजह से भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम थी, दूसरी बीमारियों के चलते मरीज भर्ती हो रहे थे। क्योंकि जांच का प्रोटोकॉल था इसलिए शुरुआती जांच में मरीज संक्रमित पाए जा रहे थे। सिर्फ कोरोना की वजह से भर्ती होने के लिए 15 से 20 दिन पहले तक अस्पतालों में रोजाना केवल 8 से 12 मरीज आ रहे थे लेकिन अब यह संख्या और कम हो गई है। अब एक अस्पताल में महज दो या तीन लोग ही आ रहे है। इस वक्त अस्पतालों में जो भी मरीज भर्ती हैं, वह अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जो मरीज वेंटिलेटर पर या ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, वह भी सिर्फ कोरोना वाले मरीज नहीं है, को-मोर्बिडिटीज वाले ही ज्यादातर हंै। इसके अलावा 263 मरीज दिल्ली से बाहर के है, बाकी दिल्ली के रहने वाले है। वैसे दिल्ली में इस वक्त कोरोना से लगभग पूरी तरह राहत मिल चुकी है। नए केस पांच हजार से नीचे आ गए है और संक्रमण दर भी पांच प्रतिशत से नीचे ही रिपोर्ट हो रही है।