नई दिल्ली- देश की राजधानी दिल्ली के पेट्रोल पंपों से ईंधन भरने के लिए जल्द ही पीयूसी प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य होगा। दिल्ली सरकार ने इससे जुड़े ड्राफ्ट को अधिसूचित करने से पहले जनता की राय के लिए रखा जाएगा। शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि नीति यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन दिल्ली में न चलें और लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें। वहीं, पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने बताया कि यह नीति दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। वाहन मालिकों को अपना पीयूसीसी पेट्रोल पंप तक ले जाना होगा। यदि पीयूसीसी अमान्य पाया जाता है तो उसी पंप पर पुन: जारी करवाना होगा। वहीं, गोपाल राय ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी नीति लाई जा रही है। दिल्ली सहित उत्तर भारत को विशेष रूप से सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करता है। इस नीति के लागू होने के बाद वाहनों को पंपों पर ईंधन भरवाते समय पीयूसी प्रमाण पत्र को अनिवार्य रूप से साथ रखना होगा। इस प्रकार, राज्य में हर वाहन के प्रदूषण के स्तर को समय-समय पर चैक किया जाएगा। नीति प्रभावी रूप से यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी कि प्रदूषण करने वाले वाहन दिल्ली में न चलें और लोग स्वच्छ हवा का आनंद ले सकें। इस ड्राफ्ट को जनता की राय के लिए रखा जा रहा है और अधिसूचित होने से पहले समीक्षा की जा रही है। जबकि, रीना गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने वैध पीयूसी प्रमाणपत्रों से पेट्रोल-डीजल की खरीद को जोडक़र एक और क्रांतिकारी कदम उठाया है यह दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
नीति की स्वीकृति के साथ-साथ सरकार इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी आधारित पद्धतियां स्थापित करने पर भी काम कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीयूसी प्रमाण पत्र की जांच के संबंध में वाहन मालिकों के साथ-साथ पेट्रोल पंप मालिकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और लंबी कतारें न लगें। इन विधियों में आरएफआईडी जैसी तकनीक भी शामिल हो सकती है।