नई दिल्ली- उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने सोमवार को प्रधान कार्यालय, बडौदा हाउस, नई दिल्ली में उत्तर रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों एवं मंडल रेल प्रबंधकों के साथ विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तर रेलवे की कार्य प्रगति की समीक्षा की। बैठक में संरक्षा, चल स्टॉक परिसंपत्तियों का अनुरक्षण, दरारें और ज्वाइंट वेल्ड व बाहरी लोगों द्वारा सिग्नल केबल काटने के मामलों, रेल के गति बढ़ाने के प्रयास, रेलवे भूमि दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन, सामग्री प्रबंधन, स्क्रैप के निपटान जैसे मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया गया। महाप्रबंधक ने रेलपथों, ज्वाइंटों के वेल्डों और सिग्नलिंग प्रणाली और चल स्टॉक परिसंपत्तियों के अनुरक्षण पर ध्यान केंन्द्रित करने पर बल दिया । उन्होंने कहा कि फ्रंट लाइन कर्मचारी रेलवे की आंखें और कान हैं । उनके आवधिक प्रशिक्षण और गैजेटों के उपयोग के संबंध में उन्हें जागरूक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए । उन्होंने रेलगाडिय़ों की गतिसीमा बढ़ाने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के प्रयासों का जायजा लिया। बैठक में रेल फाटकों, टर्न आउटों, दोहरीकरण, विद्युतीकरण, रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिजों के निर्माण के दौरान रेल ढांचों को बदलने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई । उन्होंने मरम्मत योग्य आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त स्टॉक को बनाए रखने और स्क्रैप के समयबद्ध निपटान के लिए परामर्श दिया । उन्होंने भूमि स्वामित्व मामलों पर और अधिक पारदर्शिता एवं स्पष्टता लाने के लिए रेलवे भूमि दस्तावेजों को डिजिटलाइज करने पर बल दिया। उन्होंने बाहरी तत्वों द्वारा सिग्नल केबल काटने के बढ़ते हुए मामलों पर चिंता व्यक्त की । उन्हें बताया गया कि ऐसे मामलों से सख्ती से निपटने और इन पर रेलवे अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने के लिए संबंधितों को कहा गया है। विभिन्न विभागों के कार्य निष्पादन पर संतोष व्यक्त करते हुए गंगल ने कहा कि जोन में किसी भी रेल दुर्घटना की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है । हमारी समय पालनबद्धता बेहतर है और उन इंजीनियरिंग कार्यों को पूरा करने के प्रयास किय जा रहे हैं,जो समयबद्ध रेल सेवाओं के समय पर पहुंचने में बाधा उत्पन्न करते हैं।