महाराष्ट्र के पुणे में एक सेप्टिक टैंक के भीतर चार लोगों की मौत होने की घटना के संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुणे पुलिस को एक नोटिस जारी किया है। पुणे शहर के पास बुधवार की सुबह लोनी कालभोर में स्थित एक आवासीय इमारत के सेप्टिक टैंक के भीतर तीन मजदूरों समेत चार व्यक्तियों की मौत हो गई थी। एक विज्ञप्ति के अनुसार, आयोग ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है जिसका जवाब चार सप्ताह के अंदर देना है। महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुणे पुलिस आयुक्त को जारी नोटिस में मामले की स्थिति पर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, रिपोर्ट में इसका उल्लेख होना चाहिए कि मुआवजा दिया गया या नहीं। इसका कारण बताया जाए कि चारों मृतकों के परिजनों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। आयोग ने उन लोगों के विरुद्ध दर्ज किए गए मामले का विवरण भी तलब किया है, जिन्होंने उक्त चार व्यक्तियों को उचित सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए बिना सीवेज की सफाई करने भेजा। पुलिस के अनुसार, इमारत के मालिक ने नाली की मरम्मत का काम एक व्यक्ति को सौंपा था जो इस काम के लिए अपने साथ दो और लोगों को लाया था। उन्हें बुधवार को पता चला कि सेप्टिक टैंक में कुछ समस्या है लेकिन जैसे ही तीनों टैंक में उतरे, दम घुटने से वे अचेत हो गए। पुलिस ने बताया कि इमारत में रहने वाले एक किराएदार ने तीनों मजदूरों को बचाने की कोशिश की लेकिन वह भी टैंक में गिर गया और उसका दम घुट गया। अग्निशमन अधिकारियों के मुताबिक, सेप्टिक टैंक में उतरने से पहले ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क लगाना चाहिए। इमारत के मालिक के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।