दिल्ली विस ने हेलीकॉप्टर हादसे और वैष्णो देवी भगदड़ जताया शोक

नई दिल्ली- दिल्ली विधानसभा में सोमवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक 2022 पेश किया गया। मनोनीत सदस्यों की सूची में एक और सदस्य जोडऩे के लिए यह विधेयक पेश किया गया। इसके जरिए 9 सदस्यों से इसे 10 सदस्यों तक ले जाया गया है। वहीं, इस संशोधन के जरिए डीएसजीएमसी के मनोनीत सदस्यों के रूप में अकाल तख्तों के मौजूदा 4 प्रधान पुजारियों की सूची में एक और प्रधान पुजारी अकाल तख्त, दमदमा साहिब तलवंडी साबो भटिंडा, पंजाब को जोड़ा गया है।

इस संशोधन के तहत मनोनीत सदस्यों की संख्या 5 हो जाएगी। जिसमें अकाल तख्त साहिब अमृतसर, अकाल तख्त साहिब आनंदपुर, अकाल तख्त साहिब पटना, अकाल तख्त हुजूर साहिब नांदेड़ और अकाल तख्त दमदमा साहिब के प्रमुख पुजारी तलवंडी साबो, भटिंडा पंजाब होंगे। वहीं धारा 16 की उप-धारा एक और उप-धारा दो के तहत कार्यकारी बोर्ड के पदाधिकारी और अन्य सदस्यों के चुनाव के उद्देश्य से किसी भी प्रधान पुजारी को मतदान का अधिकार नहीं होगा। प्रस्तावित संशोधन के बाद डीएसजीएमसी में कुल 46 निर्वाचित सदस्य और 10 मनोनीत सदस्य होंगे। जिससे डीएसजीएमसी सदस्यों की कुल संख्या 56 हो जाएगी। दिल्ली विधानसभा द्वारा प्रस्तावित विधेयक पारित किया गया है। भारत के राष्ट्रपति के विचार और सहमति के लिए उपराज्यपाल, दिल्ली द्वारा आरक्षित किए जाने की आवश्यकता होगी।