नई दिल्ली- दिल्ली से मेरठ के बीच हाई स्पीड से चलने के लिए बनाई जा रही रैपिड रेल का टनल सुरंग आनंद विहार में बनाने का काम शुरू हो गया है। इस सुरंग को बोरिंग मशीन के द्वारा बनाया जाएगा। करीब 90 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन के द्वारा आनंद विहार से न्यू अशोक नगर के बीच करीब 3 किमी लंबी सुरंग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इस टीबीएम में कटर हेड, फ्रंट शील्ड, मिडिल शील्ड, टेल शील्ड, इरेक्टर, स्क्रू कंवेयर सहित अन्य भाग शामिल हैं। टीबीएम द्वारा टनल सैगमेंट्स की मदद से जमीन के अंदर टनल के रिंग बनाए जाते हैं। टनल रिंग बनाने के लिए आम तौर पर सात 7 टनल सेगमेंट्स का उपयोग किया जाता है। बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण देश में अन्य मेट्रो प्रणालियों की तुलना में आरआरटीएस की टनल को अधिक बड़ा बनाया गया हैं। आनंद विहार स्टेशन से चार टीबीएम लॉन्च किए जाने की योजना है। दो आनंद विहार स्टेशन से न्यू अशोक नगर स्टेशन की ओर और दो आनंद विहार स्टेशन से साहिबाबाद स्टेशन की ओर। आनंद विहार स्टेशन से साहिबाबाद स्टेशन की ओर टीबीएम करीब 2 किमी सुरंग का निर्माण करेगी। साहिबाबाद के पास वैशाली में इसका रिट्रीविंग शाफ्ट निर्माणाधीन है। पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। कॉरिडोर में दो डिपो और एक स्टेबलिंग यार्ड समेत 25 स्टेशन होंगे। आरआरटीएस के भूमिगत हिस्सों में ट्रेनों के आने-जाने के लिए अलग-अलग जुड़वां टनल का प्रावधान किया जाएगा। इन सुरंगों की लाइफ 100 साल होगी। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सुरक्षा उपायों का प्रावधान है। किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा के लिए भूमिगत हिस्सों में आपातकालीन निकास बनाए जाएंगे। इसमें करीब हर 250 मीटर पर एक क्रॉस-पैसेज भी होगा। यहां सुरंगों से वेंटिलेशन की भी व्यवस्था की गई है। इसमें 60 सेमी-90 सेमी चौड़ा एक साइड वॉकवे भी होगा जो रखरखाव गतिविधियों में सहायता प्रदान करेगा।साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का प्राथमिकता वाला खंड मार्च 2023 तक चालू हो जाएगा और इसका ट्रायल रन इसी साल शुरू होने की उम्मीद है। पूरा कॉरिडोर 2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा।