प्राकृतिक आपदा के खतरे को देखते हुए पूरे विश्व में सुरक्षा, संरक्षा, पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखने के लिए इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट की क्षमता को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसलिए इसमें करियर की काफी संभावनाएं हैं। किसी भी देश में वहां के निवासियों की जान-माल की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाता है और इस सुरक्षा व्यवस्था को नित्य नए तरीकों से बनाए रखने के लिए विशेषज्ञों द्वारा जी-तोड़ मेहनत की जाती है। जिन्हें सामान्य रूप से सेफ्टी मैनेजर, फायर प्रोटेक्शन इंजीनियर, रिस्क मैनेजमेंट कंसलटेंट जैसे व्यक्तियों द्वारा अंजाम दिया जाता है। इन सभी पदों पर कार्य करने के लिए एक विशेष कोर्स की दरकार होती है, जिसे इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट कहा जाता है। पाठयक्रम के उपरांत छात्रों को उन सभी बारीकियों से अवगत करा दिया जाता है, जिससे वे हर खतरे का दृढ़तापूर्वक सामना कर सकें।

कब कर सकेंगे कोर्स
सुरक्षा के लिहाज से तैयार किए गए इस पाठयक्रम में दाखिले के लिए इच्छुक छात्रा को कम से कम 12वीं होना जरूरी है, जबकि ग्रेजुएट एवं इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले छात्रों को वरीयता दी जाती है। अधिकांश ऐसे छात्र भी है, जो पहले से ही फायर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कार्यरत होते हैं, वे भी इसमें आवेदन के योग्य होते हैं। साथ ही अनेक संस्थानों द्वारा कई तरह के डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स भी चलाए जाते हैं, जो रेगुलर अथवा पत्राचार, दोनों विधियों के जरिए किए जा सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से छात्र को दबाव की परिस्थिति में काम करना होता है, अतः उनके अंदर धैर्य एवं विनम्रता का गुण होना बहुत जरूरी है।

पाठयक्रम एवं उससे लाभ
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट में कई तरह के डिप्लोमा, सर्टिफिकेट एवं अन्य शार्ट टर्म पाठयक्रम मौजूद हैं। इनकी अवधि 3 माह, 6 माह, तथा एक वर्ष तक की है। आजकल पत्राचार एवं पार्टटाइम कोर्सों की भी भरमार है। इन्हें कर लेने के पश्चात छात्रों को व्यक्तिगत रूप से अपनी जानकारी बढ़ाने जैसे इंजीनियरिंग कंट्रोल एवं एप्लीकेशन, इंडस्ट्रियल उपकरणों की सुरक्षा की मॉनीरिंग, पेट्रोलियम इंडस्ट्री, न्यूक्लियर पावर प्लांट में आपातकालीन नियंत्रण, मेडिकल विजिलेंस, खराब हो चुके उपकरणों का मरम्मत कार्य, खतरनाक एवं जख्मी स्थिति से बचाव, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग आदि में काम आता है।
कोर्स एवं योग्‍यता
डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट कोर्स, डिप्लोमा इन फायर टेक्नोलोजी एंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेट और हेल्थ सेफटी इन्वायरमेंट के लिए किसी भी संकाय में 12वीं उत्‍तीर्ण होना जरूरी है। चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर के लिए किसी भी संकाय में स्नातक उत्‍तीर्ण छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है।

कई क्षेत्रों में है अवसर
जिस तेजी से हर जगह सुरक्षा के संभावित उपाय किए जा रहे हैं। उसी तेजी से लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। आजकल आईटी इंडस्ट्री, माइनिंग, ऑयल इंडस्ट्री, कंस्ट्रक्शन आदि में रोजगार की अधिक संभावनाएं बन रही हैं। भारत तथा विदेश, दोनों जगह अवसर सामने आते हैं। इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट का सफलतापूर्वक पाठयक्रम करने के पश्चात भारत में फायर प्रोटेक्शन इंजीनियर, एनवॉयरमेंट सेफ्टी मैनेजर, इंजीनियर हाइजीन मैनेजर, सिस्टम सेफ्टी इंजीनियर, रिस्क मैनजमेंट कंसलटेंट कंस्ट्रक्शन सेफ्टी इंजीनियर, ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी सुपरवाइजर के रूप में अवसर मिलते हैं।कार्य का विविध स्वरूप
इसमें सेफ्टी मैनेजर को मुख्य रूप से कई बिन्दुओं पर गौर करना होता हैं। हालांकि उन्हें पाठयक्रम के दौरान ही सभी संभवित जानकारी दे दी जाती है, जिनमें मुख्य रूप से फायर फाइटिंग, फायर प्रिवेंशियल, लेबर एवं फैक्टरी एक्ट के कोड की जानकारी दुर्घटना के पश्चात प्राथमिक मदद उपलब्ध कराना आदि शामिल हैं। इस कार्य में खतरे भी बहुत हैं। कई बार आग लगने के दौरान, धुंआ अथवा गैस के चलते सेफ्टी ऑफिसर्स की मौत भी हो जाती है। इसीलिए कार्य के दौरान पर्सनल प्रोटेक्टिव एक्विपमेंट्स (पीपीटी) पर विशेष ध्यान दिया जाता है। बिल्डिंग के अंदर लगे फायर उपकरणों की जांच करके सभी जरूरी जानकारी को मैनेजमेंट तक पहुंचाना भी इसी के अंतर्गत आता है। आजकल कंस्ट्रक्शन में सेफ्टी इंजीनियर की भारी मांग है, जिसे देखते हुए उन्हें अपने कार्य में निखार लाना होगा।
आमदनी का जरिया
आज एक सेफ्टी मैनेजर को प्रारंभ में 20 हजार से 25 हजार हजार रूपए प्रतिमाह तथा कंस्ट्रक्शन सेफ्टी इंजीनियर को 20 हजार रूपए मिलते हैं। लगभग यही राशि सभी पदों पर आसीन लोगों को प्रारंभ में दी जाती है। हालांकि इसके साथ ही समय-समय पर वेतन वृद्धि की प्रक्रिया भी चलती रहती है। दो-तीन वर्षों के उपरांत मनचाहा वेतन मिलने लग जाता है।

प्रमुख संस्थान
इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली
www.ignou.ac.in
सेंटर फॉर फायर सेफ्टी मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग, नई दिल्‍ली
www.cfsmt.org