बेंगलुरु- कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं ने एक व्यापारी की कथित आत्महत्या के सिलसिले में प्राथमिकी में नामजद भारतीय जनता पार्टी के विधायक अरविंद लिंबावली और पांच अन्य की गिरफ्तारी की मांग की। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से उनके परिवार के लिए इंसाफ सुनिश्चित करने की अपील की। विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया और प्रदेश के पार्टी मामलों के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामलिंगा रेड्डी के साथ व्यापारी प्रदीप के घर जाकर उनके परिवार से भेंट की।प्रदीप (47) रविवार को बेंगलुरु के समीप नेट्टिगेरे में अपनी कार में मृत पाए गए थे। उन्होंने अपनी कार के अंदर कथित रुप से खुद को गोली मार ली थी। उन्होंने कथित रूप से आठ पन्ने का मृत्यु नोट लिखकर छोड़ा था जिसमें महादेवपुरा के विधायक अरविंद लिंबावली और पांच अन्य के नाम थे। उसके बाद पुलिस ने इन सभी छह व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी। सिद्धरमैया ने कहा यह वित्तीय सौदे से जुड़ी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, यह नहीं होनी चाहिए थी। प्रदीप की पत्नी नमिता ने दुख के साथ कहा कि उनके पति को इंसाफ मिलना चाहिए और यह कि उन्होंने वित्तीय सौदे में डेढ़ करोड़ रुपए लगाए थे जिसमें से अबतक एक भी पैसे का मुनाफा नहीं हुआ। परिवार वह पैसा वापस चाहता है। परिवार से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि बताया जाता है कि क्षेत्र के विधायक लिंबावली ने चीजों की लीपापोती करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, नमिता किसी पर आरोप नहीं लगा रही है, वह बस इतना कह रही है कि वह इंसाफ चाहती है और वह किसी से नाराज नहीं है। लेकिन निष्कर्ष निकाला गया तो मृत्यु नोट में छह लोगों का जिक्र है और उसमें लिंबावली का भी नाम है। यदि उनका नाम लिया गया है ,तो वह किसी न किसी रूप में इस मौत के लिए जिम्मेदार हैं ,अन्यथा वह व्यापारी ऐसा क्यों लिखते। लिंबावली और पांच अन्य के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज किए जाने का जिक्र करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि पुलिस को तत्काल यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वित्तीय मुद्दे का निवारण हो और परिवार को वह रकम मिले जिसे प्रदीप ने निवेश किया था।उन्होंने कहा सभी को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए और मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कानून के अनुसार कार्वाई की जानी चाहिए। गिरफ्तारी होनी ही चाहिए तथा आपराधिक सुनवाई होनी चाहिए, पुलिस को सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधी चाहे विधायक हो या कोई और, उसे सजा मिलनी ही चाहिए। गलती गलती होती है, चाहे कोई हो, उसे कानून के अनुसार दंड मिलना ही चाहिए। उन्होंने दावा किया कि यदि गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो आरोपी सबूत नष्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा, परिवार ने यहां तक आरोप लगाया कि पुलिस देर रात मोबाइल फोन ले गई। इस मामले को पुलिस द्वारा विभिन्न कोणों से जोडऩा मुनासिब नहीं है। एक ठेकेदार की मौत के सिलसिले में तत्कालीन मंत्री के एस ईश्वरप्पा के खिलाफ एक ऐसे ही मामले का हवाला देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि मामला बंद कर दिया गया। उन्होंने मांग की कि सरकार को कानून की प्रक्रिया में दखल नहीं देना चाहिए। उस ठेकेदार ने ईश्वरप्पा पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था। उधर, लिंबावली ने कहा है कि उन्होंने प्रदीप की मदद ही करने का प्रयास किया था और वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, वस्तुत: मैं जांच की मांग करता हूं ताकि सच्चाई सामने आए।