आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद व हरियाणा के सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता ने हरियाणा की जनता को नये साल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पिछले एक पखवाड़े से हरियाणा में यूरिया को लेकर मारा-मारी की हालत बनी हुई है। फसल की पैदावार बढाने के लिए किसानों को यूरिया की दरकार होती है, इसके लिए राज्य में यूरिया डिपो के बाहर किसानों की लंबी कतारें दिख रही हैं। इससे पूर्व में डीएवपी खाद को लेकर भी ऐसी ही हालत प्रदेश मंे बनीं हुई थी। अब डीएपी खाद की तर्ज पर ही यूरिया को लेकर कालाबाजारी का हो रही हैं। दूसरी तरफ सरकार केवल आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर रही।
डा सुशील गुप्ता ने कहा कि वह हरियाणा की जिस भी विधानसभा के गांवों में जा रहें है। वहां के निवासी उनको यूरिया ना मिलने की शिकायतें कर रहें है।
-उन्होंने कहा कि इस मौसम में खेतों में खडी फसल को यूरिया की आवश्यकता होती है। मगर हरियाणा सरकार किसानों को जरूरत के अनुसार यूरिया मुहैया नहीं करवा पा रही।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों को घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी यूरिया नहीं मिल रहा है। किसान सुबह से ही लाईन लगाकर यूरिया पाने की आस लगाए होते है। इसके बावजूद उनको खाली हाथ घर लौट कर अगले दिन लाइन लगाने के लिए आना पड रहा है। हद तो अब ऐसी हो गई है कि किसान रास्तों से गुजरने वाले टृकों की जांच खूद देख रहें है कि उसमें कहीं यूरिया छूपा कर तो दूसरे प्रदेशों में नहीं भेजा जा रहा।
डा गुप्ता ने कहा वर्तमान हालत के लिए केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। नवंबर से जनवरी के बीच यूरिया की खपत सबसे ज्यादा होती है, लेकिन केंद्र सरकार हरियाणा को उनका कोटा सप्लाई नहीं कर सकी। जिससे यह परेशानी लगातार बढ रही है।
उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर से किसानों को जल्द से जल्द यूरिया उपलब्ध करवाने की मांग की। उन्होंने कहा अगर वर्तमान में यूरिया किसानों को नहीं मिला तो यह शुभ संकेत नहीं हैं, और इसका सीधा असर खाद्य सुरक्षा पर पड़ सकता है।