महामारी के दौरान खुदरा विक्रेताओं की प्रतिबद्धता को सम्मान देने के लिए खुदरा कर्मचारी दिवस के अवसर पर साइकिल रैली का आयोजन किया। रैली का आयोजन पैसिफिक मॉल ने आकाश हॉस्पिटल्स, कैफे चेन्नई के सहयोग से संचालित किया। इस साइक्लेथॉन में द्वारका के कई साइकिल चालक समूहों को आमंत्रित किया गया जिसमें उन्होंने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। साइक्लेथॉन में फिट इंडिया मोवमेंट के ब्रांड एम्बेसडर्स में से एक रिपु धवन ने भी हिस्सा लिया। अभिषेक बंसल ने कहा हमें द्वारका के लोगों लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने पर खुशी हो रही है। हमने शहर के लोगों के साथ निमंत्रण साझा किया था। यह हमें बहुत प्रोत्साहित करता है कि इतने बड़े बदलाव के साथ हम एक सफल कार्यक्रम की मेजबानी करने में सक्षम हैं।
नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के खिलाफ हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टरों के कारण शुक्रवार से अस्पतालों में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। तिमारदार इलाज करवाने के लिए भटकते रहे, लेकिन मरीजों को इलाज नहीं मिला। शुक्रवार को सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया, लोकनायक सहित अन्य अस्पतालों में हड़ताल के कारण ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह बाधित रही। वहीं अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टर वार्ड में मरीजों को देखने नहीं गए,जबकि कई अस्पतालों में सर्जरी तक को टालना पड़ा। लोकनायक अस्पताल में अपने दादा को दिखाने आए रहीम ने बताया कि सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंच गए थे, घंटों इंतजार करने के बाद भी उनके दादा को आपातकालीन विभाग में भर्ती नही किया गया। उन्होंने कहा कि उनके सामने से कई डॉक्टर प्रदर्शन करते हुए निकल गए, लेकिन किसी ने भी उनके दादा का इलाज नहीं किया। वहीं सफदरजंग अस्पताल में आई सुशीला ने बताया कि डॉक्टरों के हड़ताल के कारण ओपीडी सुविधाएं नहीं मिली। उन्होंने कहा कि उनकी माता हार्ट की मरीज है और शुक्रवार को हर माह दिखाने आती है, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। अन्य मरीजों ने बताया कि सुबह अस्पताल पहुंचे लेकिन डॉक्टरों के अभाव में पूरी ओपीडी खाली रही। वहीं फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन फोर्डा के अध्यक्ष डॉक्टर मनीष ने कहा कि एक सप्ताह पहले स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों के डेलिगेशन से बैठक कर के हफ्ते भर में समस्या का समाधान करने का वादा किया था। लेकिन हफ्ता बीतने के बाद भी सरकार की ओर से न तो कोई आश्वासन मिला है और न ही किसी तरह की बात की जा रही है। ऐसे में साफ हो गया है कि सरकार का रवैया पूरी तरह टालमटोल वाला ही है। ऐसे में जब तक सरकार डॉक्टरों की मांगें नहीं मानती है, तब तक ये हड़ताल जारी रहेगी। ये हड़ताल अब अनिश्चित कालीन चलेगी।
सीनियर डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान अस्पताल में सीनियर डॉक्टरों ने मोर्चा संभाला। लोकनायक अस्पताल के ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया। हालांकि सीरियर डॉक्टरों के कारण ज्यादा राहत नहीं मिली। काफी मरीजों को लौटना पड़ा। वहीं डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती मरीजों को देखने के लिए सीनियर डॉक्टर पहुंचे। यहां भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि सामान्य दिनों में यहां तीन से चार बार डॉक्टर राउंड मार जाते थेए लेकिन शुक्रवार को हड़ताल के कारण एक बार ही डॉक्टर राउंड पर आए।
दूसरे राज्यों से आए मरीज हुए परेशान
दिल्ली में इलाज के लिए दूसरे राज्यों से आए मरीजों को वापस लौटना पड़ा। लोकनायक अस्पताल में संभल से आए कैंसर मरीज को वापस भेज दिया गया