पणजी- बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने बृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष के उस आदेश को कायम रखा जिसमें उन्होंने 2019 में अपनी-अपनी पार्टी छोडक़र सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने वाले 12 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग वाली दो याचिकाएं खारिज कर दी थीं।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने दावा किया कि यह (फैसला) भाजपा नीत केंद्र सरकार की धनबल से जनादेश को बदल देने की राजनीति को बढ़ावा देगा। दूसरी तरफ, भाजपा ने यह कहते हुए इस आदेश का स्वागत किया कि लोकतंत्र एवं संवैधानिक जनादेश की जीत हुई है। चोडनकर ने उन 10 पार्टी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी, जो जुलाई 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे। चोडनकर ने अध्यक्ष को दी गई याचिका में दलील दी थी कि सभी दस विधायक अपनी मूल पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता रखने के पात्र नहीं हैं , इसलिए संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत वे (विधानसभा की) सदस्यता रखने के योग्य नहीं हैं। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक सुदीन धवलिकर ने भी अपने दो विधायकों के खिलाफ ऐसी ही याचिका दायर की थी, जो इस क्षेत्रीय दल से अलग होकर भाजपा में शामिल हो गए थे। गोवा विधानसभा के अध्यक्ष राजेश पाटनेकर ने पिछले साल 20 अप्रैल को चोडनकर और धवलिकर की संबंधित याचिकाएं खारिज कर दी थीं। बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति मनीष पिताले और न्यायमूर्ति आर एन लड्ढा की पीठ ने कहा कि दोनों याचिकाएं खारिज की जाती हैं। पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता अध्यक्ष के आदेश में दखल के लिए मामला नहीं बना पाए। न्यायालय ने कहा, हम पाते हैं कि याचिकाकर्ताओं की याचिकाएं अध्यक्ष द्वारा सही तरीके से खारिज की गईं। इस फैसले पर सावंत ने ट्वीट किया, मैं भाजपा विधायक दल में 12 विधायकों के शामिल होने के विरूद्ध कांग्रेस और एमजीपी द्वारा दायर की गई याचिकाएं खारिज करने के माननीय उच्च न्यायलाय के फैसले का स्वागत करता हूं। दुष्प्रचार अभियान पर लोकतंत्र एवं संवैधानिक जनादेश की जीत हुई है। लेकिन चोडनकर ने कहा कि यह आदेश अप्रत्याशित था और वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे क्योंकि राजनीतिक दलों के अस्तित्व पर ही सवाल उठ गया है।उन्होंने दावा किया कि इस आदेश ने विधायकों को जनादेश बदलने की ताकत दी है। कांग्रेस नेता ने अदालत भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, यह आदेश केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की राजनीति को बढ़ावा देगा… धनबल से वे जनादेश बदल देते हैं। वर्ष 2017 में गोवा की 40 सदस्ईय विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और भाजपा 13 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर आई थी। भाजपा ने आनन-फानन में कुछ क्षेत्रीय दलों एवं निर्दलीय विधायकों के साथ गठजोड़ कर सरकार बना ली। पिछले पांच सालों में कांग्रेस के कई विधायक पार्टी सेचले गए और सदन में उसके विधायक महज दो रह गए। गोवा विधानसभा के लिए इस साल 14 फरवरी को चुनाव हुए हैं और मतगणनना 10 मार्च को होगी।