नई दिल्ली – प्रवर्तन निदेशालय जमीन के बदले नौकरी घोटाले के सिलसिले में 15 जगहों पर छापेमारी कर रहा है। हाल ही में इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद से पूछताछ की थी। ईडी का मामला सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। अपने मामले में, सीबीआई ने आरोप लगाया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम और सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले लालू प्रसाद के परिवार के करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया। सीबीआई ने लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियों और 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारी ने कहा, 2004-2009 की अवधि के दौरान यादव ने रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी’ पद पर नियुक्तियों के एवज में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के ट्रांसफर के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। पटना के कई निवासियों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू प्रसाद और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में अपनी जमीन बेच दी और उपहार में दे दी। वे ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थे। जोनल रेलवे में ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया, फिर भी पटना के निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में नियुक्त किया गया था। सीबीआई ने कहा, इस गतिविधि को जारी रखते हुए, पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फुट भूमि, अचल संपत्तियों को यादव और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पांच सेल डीड्स और दो गिफ्ट्स डीड्स के जरिए अधिग्रहित किया गया, जिसमें अधिकांश भूमि हस्तांतरण में विक्रेता को किए गए भुगतान को दर्शाया गया।