नई दिल्ली – चार राज्यों में चुनाव संपन्न हो गए हैं. अब एक राज्य तेलंगाना में चुनाव बाकी है. सभी राजनीतिक दलों ने यहां पर अपनी ताकत झोंक रखी हैं. इसी कड़ी में बीजेपी भी लगातार चुनाव प्रचार में जुटी हुई है. तेलंगाना को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर से अपना वादा दोहराया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बात को आगे बढ़ाते हुए तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने कहा कि पार्टी सत्ता में आई तो हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर किया जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई में हैदराबाद का नाम बदल जाएगा. क्या हैदराबाद को अब भाग्यनगर के नाम से जाना जाएगा. ऐसे कई सवाल मन में उठ रहे हैं. तो आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं कौन था हैदर और कैसे बन गया हैदराबाद. रेड्डी के अनुसार, जब मद्रास का नाम चेन्नई, बंबई का नाम मुंबई, कलकत्ता का नाम कोलकाता और राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ हो सकता है तो हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने में क्या परेशानी है? रेड्डी ने कहा कि केटीआर और उनके पिता सीएम केसीआर खुद अपनी सीटें हारने वाले हैं.जी किशन रेड्डी ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो हम ऐसी सारी चीजों को बदल देंगे, जिनसे गुलामी की मानसिकता दिखाई देती है. उन्होंने कहा कि भाजपा नाम बदलने के संबंध में विद्वानों की राय भी लेने वाली है. हाल ही मे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तेलंगाना में अपनी चुनावी सभाओ में ऐसा कहा था कि हैदराबाद का नाम भाग्यनगर और महबूबनगर का नाम पालामुरु करना चाहिए. आपको बता दें कि तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां पर केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति सत्ता में है.दरअसल, भारत के स्वर्णिम इतिहास में बहुत सारे प्रपंच है. अलग-अलग इतिहासकारों और रचनाकारों ने अपने-अपने ढंग से इसको गढ़ा है. इतिहास के पन्नों में हैदराबाद का असल नाम भाग्यनगर ही था. भागमती के नाम पर भाग्यनगर रखा गया था. इतिहासकारों ने अपनी-अपनी किताबों में दावा किया है कि कुतुब शाही शासकों ने हैदराबाद का नाम हैदर-ए-कर्रार के नाम पर रखा था. कुतुब शाही शासक शिया समुदाय से ताल्लुक रखते थे. अरबी भाषा में हैदर का नाम शेर होता है तो हैदराबाद को शेरों का शहर कहा जाता है. इसी से इसका नाम हैदराबाद है.