नई दिल्ली- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार द्वारा कोरोना काल में बनाए गए सात अस्थाई अस्पतालों में से एक किराड़ी स्थित हवाहवाई अस्पताल का दौरा किया। जहां उन्होंने देखा कि अस्पताल तो दूर वहां एक ईट तक नहीं लगाई गई है। केजरीवाल सरकार के कागजों में यह ४५८ बेडों का अस्पताल २८ जून २०२० से चल रहा है जबकि आज वहां ना तो अस्पताल है और ना ही उसका अवशेष। जिसकी सच्चाई सबके सामने आ चुकी है। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष राजन तिवारी, जिला अध्यक्ष बजरंग शुक्ला,पूर्व विधायक अनिल झा, पूर्व निगम पार्षद उर्मिला चौधरी भी मौजूद थे। गुप्ता ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार के कहने पर डीडीए ने केजरीवाल सरकार को अस्पताल बनाने के नाम पर जमीन दिया था जिसके बाद दिल्ली सरकार ने ४५८ बेडो का अस्पताल बनाने की बात कही थी और उसने अपने कागजों में अस्पताल २८ जून २०२० को ही तैयार कर लिया था, लेकिन आज वहां बंजर जमीन, कीचड़ जगह-जगह गढ्ढों में भरा पानी और लटकते बोर्ड के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि यह महज संयोग नहीं है जब २०२० में बनकर तैयार हुए अस्पताल के लिए १० अगस्त २०२१ में टेंडर किया जा रहा है। मतलब एक अस्पताल बनाने के पीछे दो बार भ्रष्टाचार किया गया। पहला बिना बनाए इसको कागजों में दिखा दिया गया कि अस्पताल बनकर तैयार है और दूसरा २०२० में कागजों में बने बनाए अस्पताल का टेंडर अगस्त २०२१ में पास किया जा रहा है। आदेश गुप्ता ने कहा कि अस्पताल के नाम पर केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के साथ धोखा किया है।