2021 के दौरान आईपीओ की बाढ़ ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को लेकर भारत के निवेशकों को असाधारण रूप से व्यस्त रखा। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के मसौदे पर एक नजर यह दर्शाती है कि 2022 की पहली तिमाही इससे अलग नहीं है क्योंकि इस दौरान दो दर्जन कंपनियां अपने आईपीओ लेकर आ रही हैं। अपने आईपीओ की घोषणा करने वाली इन कुछ कंपनियों में ओरावेल स्टेज (ओयो), अदाणी विल्मर, एमक्योर फार्मा, डेल्हीवरी आदि शामिल हैं।सूचीबद्ध होने वाली नवीनतम कंपनी अदाणी विल्मर है, जो 3,600 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को लेकर आ रही है। फॉर्च्यून ब्रांड के तहत कुकिंग ऑयल बेचने वाली एफएमसीजी कंपनी श्री गौतम अदाणी के अदाणी ग्रुप और सिंगापुर स्थित विल्मर ग्रुप के बीच 50-50 का संयुक्त उपक्रम है। यह आईपीओ 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा औऱ तीन दिनों के बाद बंद होगा। कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए 218-230 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। जहां तक लॉट साइज की बात है, तो निवेशक न्यूनतम 65 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं। इश्यू के बाद, कंपनी का बाजार पूंजीकरण 29,900 करोड़ रुपये होगा। शेयरों के 8 फरवरी को एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने की संभावना हैसूचीबद्ध होने वाली नवीनतम कंपनी अदाणी विल्मर है, जो 3,600 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को लेकर आ रही है। फॉर्च्यून ब्रांड के तहत कुकिंग ऑयल बेचने वाली एफएमसीजी कंपनी श्री गौतम अदाणी के अदाणी ग्रुप और सिंगापुर स्थित विल्मर ग्रुप के बीच 50-50 का संयुक्त उपक्रम है। यह आईपीओ 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा औऱ तीन दिनों के बाद बंद होगा। कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए 218-230 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। जहां तक लॉट साइज की बात है, तो निवेशक न्यूनतम 65 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं। इश्यू के बाद, कंपनी का बाजार पूंजीकरण 29,900 करोड़ रुपये होगा। शेयरों के 8 फरवरी को एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने की संभावना है 1. कंपनी के बारे में समग्र जानकारी
वर्ष 1999 में स्थापित यह एफएमसीजी कंपनी खाद्य तेल, गेहूं का आटा, चावल, दाल और चीनी सहित भारतीय उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक रसोई वस्तुओं की बिक्री करती है। कंपनी ओलियोकेमिकल्स, कैस्टर ऑयल और डेरिवेटिव्स और डी-ऑयल केक सहित विभिन्न उद्योग आवश्यक वस्तुएं भी प्रदान करती है। कंपनी व्यापक मूल्य स्पेक्ट्रम में विभिन्न प्रकार के ब्रांड्स के तहत उत्पादों को पेश करती है और विभिन्न ग्राहक समूहों की जरूरतों को पूरा करती है।इसके उत्पाद पोर्टफोलियो को (i) खाद्य तेल, (ii) पैकेज्ड फूड और एफएमसीजी, और (iii) उद्योग की आवश्यक वस्तुओं में वर्गीकृत किया गया है। फॉर्च्यून, कंपनी का प्रमुख ब्रांड, भारत का सबसे अधिक बिकने वाला खाद्य तेल ब्रांड है। कंपनी ने खाद्य तेल उत्पादों, राइस ब्रान हेल्थ ऑयल, फोर्टिफाइड फूड्स, रेडी-टू-कुक सोया चंक्स, खिचड़ी आदि उत्पादों को लॉन्च करके मूल्य वर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया है।कंपनी के 10 भारतीय राज्यों में 22 संयंत्र हैं, जिसमें 19 रिफाइनरीज के साथ 10 क्रशिंग इकाइयां शामिल हैं। मूंदड़ा में इसकी रिफाइनरी भारत में सबसे बड़ी सिंगल-लोकेशन रिफाइनरियों में से एक है, जिसकी क्षमता 5,000 मीट्रिक टन रोजाना है। अडानी विल्मर ने 30 सितंबर 2021 तक अतिरिक्त विनिर्माण क्षमताओं के लिए 36 पट्टे पर दी गई टोलिंग इकाइयों का भी उपयोग किया है।
30 सितंबर 2021 तक कंपनी के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में 5,590 वितरक थे, जो 1.6 मिलियन से अधिक खुदरा दुकानों को पूरा करते थे। इसके अलावा, कंपनी के भारत में 88 डिपो थे, जो लगभग कुल 1.8 मिलियन वर्ग फुट स्टोरेज स्पेस में फैले हुए थे।कंपनी मौजूदा विनिर्माण सुविधाओं का विस्तार करने और नई विनिर्माण सुविधाओं को विकसित करने के लिए पूंजीगत व्यय की फंडिंग के लिए धन का उपयोग करना चाहती है। जुटाई गई पूंजी का उपयोग उधार के पुनर्भुगतान/पूर्व भुगतान, रणनीतिक अधिग्रहण और निवेश, और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा।वित्त वर्ष 19-21 की तुलना में कंपनी का राजस्व 13% की सीएजीआर की दर से बढ़ा है। लाभ के मोर्चे पर, कंपनी ने इसी अवधि में शुद्ध मुनाफे में 39% की मजबूत सीएजीआर दर्ज की है। वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही में कंपनी के राजस्व और मुनाफे में मजबूती आई है। हालांकि, कंपनी का एबिटा (ईबीआइटीडीए) मार्जिन उतार चढ़ाव वाला रहा। कुल मिलाकर कंपनी की वित्तीय संख्या अच्छी दिखती है। समकक्षों से तुलना
सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धियों में मैरिको इंडिया और एचयूएल शामिल हैं। वैल्यूएशन के संदर्भ में इश्यू के बाद टीटीएम पीई 37.6x (इश्यू प्राइस बैंड के ऊपरी छोर पर) पर होगा।
अदाणी विल्मर के पास मजबूत बाजार नेतृत्व है। इसने कंपनी को अंतरराष्ट्रीय बाजार से शीर्ष वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से कच्चे माल के स्रोत की सुविधा प्रदान की है। कृषि व्यवसाय उद्योग में 40 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ इसकी एक वरिष्ठ प्रबंधन टीम है। इसमें अडानी समूह का समर्थन भी कई सकारात्मक बातों को जोड़ता है।दूसरी ओर, विल्मर समूह एशिया के अग्रणी कृषि व्यवसाय समूहों में से एक है, जो सितंबर 2021 तक सिंगापुर एक्सचेंज में बाजार पूंजीकरण के आधार पर सातवीं सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी थी। अदाणी विल्मर को दुनिया की दूसरी बड़ी पाम ऑयल बागबानी कंपनी जेमिनी एडिबल्स का सामना करना होगा, जो आईपीओ के जरिए 25 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रही है।कंपनी खाद्य तेल खंड में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाएगी और खाद्य कारोबार का विस्तार करेगी। वॉल्यूम के लिहाज से कंपनी के कारोबार में खाद्य तेलों का योगदान करीब 65 फीसदी है। शेष खाद्य और औद्योगिक आवश्यक क्षेत्रों से आता है। अडानी भारत में अग्रणी पैकेज्ड फूड और एफएमसीजी कंपनी के रूप में उभरने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी और अपने वितरण नेटवर्क को एक सर्वव्यापी दृष्टिकोण के साथ विस्तारित करते हुए, ब्रांड जागरूकता बढ़ाएगी, नए उत्पाद लाएगी और अपने ग्राहक आधार को बढ़ाएगी।आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एचडीएफसी बैंक, बीएनपी परिबास, कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन, बोफा सिक्योरिटीज और क्रेडिट सुइस कंपनी के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स हैं। लिंक इनटाइम इंडिया इस आईपीओ का रजिस्ट्रार है।कंपनी ने आईपीओ का लगभग 50% हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए, 35% खुदरा निवेशकों के लिए, और शेष 15% गैर-संस्थागत खरीदारों के लिए आरक्षित किया है। इसने अपने योग्य कर्मचारियों के लिए 107 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर आरक्षित किए हैं।