जयपुर- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हिंसा और तनाव के इस दौर में महात्मा गांधी के मूल्यों एवं सिद्धांतों पर चलकर ही शांति की स्थापना संभव है और मानवता के लिए गांधी के संदेशों का व्यापक प्रचार-प्रसार आवश्यक है। गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर शांति एवं अहिंसा विभाग की वेबसाइट लांच समारोह को संबोधित कर रहे थे। युवा पीढ़ी को गांधी के विचारों से जुडऩे की सलाह देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, गांधी दर्शन का विश्व स्तर पर सम्मान है। नेल्सन मंडेला व मार्टिन लूथर किंग जैसे महान नेताओं ने गांधीजी से प्रेरणा प्राप्त कर वंचित वर्गों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। आज अमेरिका जैसे देश में महात्मा गांधी की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। जर्मनी के शिक्षा पाठ्यक्रम में उनके बारे में पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के कार्यकाल में गांधीजी के जन्मदिन दो अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को भेजा जिसका सभी देशों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया। गहलोत ने कहा कि गांधी जी के सिद्धांतों को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शांति एवं अहिंसा विभाग स्थापित किया गया है। ऐसा करने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में 25 करोड़ रुपए की लागत से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 2500 महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की गई है। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्शों को आमजन तक पहुंचाने और समाज में सामाजिक सौहार्द्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इस अवसर गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अजमेर के गांधी स्मृति उद्यान का लोकार्पण तथा भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट परिसर में गांधीजी की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने चित्तौडग़ढ़ में चल रहे गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।