वाराणसी-काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय परिसर में इफ्तार के आयोजन को लेकर छात्रों ने हंगामा किया और नई परम्परा शुरू करने को लेकर सवाल उठाए। छात्रों ने कुलपति आवास पहुंच कर नारेबाजी की और कुलपति का पुतला भी फूंका। महिला महाविद्यालय में आयोजित इफ्तार में कुलपति सुधीर जैन के साथ प्रोफेसर वी. के. शुक्ला, डॉ अफजल हुसैन, प्रोफेसर नीलम अत्रि, कार्यवाहक प्रधानाचार्य प्रोफेसर रीता सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रोफेसर के. के. सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बी. सी. कापड़ी, डॉ. दिव्या कुशवाहा सहित महाविद्यालय की छात्राओं ने भाग लिया था। हालांकि, इफ्तार के आयोजन की जानकारी मिलने पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। एक छात्र ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे आयोजन की कोई परंपरा नहीं रही है और कुलपति ऐसा करके नई परंपरा को जन्म दे रहे हैं। छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों पर ब्राह्मण जाति और कश्मीर को लेकर विवादित नारे लिखे जाने पर छात्रों ने जमकर हंगामा किया। यह नारे भगत सिंह छात्र मोर्चा के नाम से लिखे गए थे। छात्रों के आक्रोश को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने विवादित नारों को मिटवा दिया। मौके पर पहुंचे चीफ प्रॉक्टर कापड़ी ने कहा, यह विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने के लिए लिखा गया है लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। नारों के नीचे लिखे गए संगठन के बारे में कापड़ी ने कहा, नारों के नीचे जिस भगत सिंह छात्र संगठन का नाम लिखा गया है, उसके लोगों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने चिन्हित कर लिया है। जल्द से जल्द जांच कर कार्वाई की जाएगी। उधर, भगत सिंह छात्र मोर्चा ने इस संबंध में व्यक्तव्य जारी कर कहा , इस तरह के नारों से भगत सिंह छात्र मोर्चा का कोई लेना देना नहीं है। हम विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले की जांच कर समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्वाई की मांग करते हैं।