भारत का सबसे बड़ा लाइफस्‍टाइल सोशल कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म, ट्रेल अपने यूजर्स के लिये खरीदारी के अनुभवों को ज्‍यादा रोचक और बेहतरीन बनाने के लिये लाइव कॉमर्स, इंफ्लूएंसर द्वारा प्रवर्तित इन-ऐप गेमिफिकेशन और लॉन्‍ग-फॉर्मेट एपिसोडिक कंटेन्‍ट पेश करने की अपनी योजनाओं पर काम कर रहा है। इस तरह, वह अपने सेक्‍टर को सबसे आगे ले जाने के लिये तैयार है। इंफ्लूएंसर से चलने वाला यह प्‍लेटफॉर्म 18 मिलियन से ज्‍यादा के क्रियेटर बेस और 60 मिलियन से ज्‍यादा के औसत मासिक यूजर-बेस के साथ भारत में क्रियेटर इकोनॉमी और सोशल कॉमर्स को बढ़ावा दे रहा है। इस प्‍लेटफॉर्म के पास ट्रेल शॉप पर 1000 से ज्‍यादा ब्राण्‍ड्स सूचीबद्ध हैं। इसका लक्ष्‍य साल 2023 तक 500 मिलियन डॉलर का वर्ष में एक बार का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्‍यू (जीएमवी) हासिल करना है।12 क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट की पेशकश कर, ट्रेल ब्रांड, क्रिएटर्स और यूजर्स सभी का पसंदीदा ब्रांड बन गया है। ब्रांडों को 100 मिलियनसे अधिक के ट्रेल के ग्राहक आधार तक सीधी पहुंच मिलती है, वहीं ग्राहक को भी बेहतरीन प्रॉडक्ट्स की खोज कर सकते हैं। इसमें उन्हें ट्रेल के महत्वपूर्ण ओपिनियन लीडर्स की ओर से विश्‍वसनीय सुझाव भी मिलेंगे। क्रिएटर्स को ब्रैंड से जुड़कर अपने कंटेंट से पैसे कमाने का मौका होगा और वह क्रिएटर-प्रिन्योर बन सकेंगे। इससे उनके पास आय का स्थायी स्त्रोत होगा।ट्रेल के सीईओ और को-फाउंडर श्री पुलकित अग्रवाल ने विस्तार योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “ट्रेल अपने सभी हितधारकों के तालमेल को अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे आपस में लाभदायक और परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर इकोसिस्टम का निर्माण किया जा सके। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और ऑग्युमेंटेंड रिएलटी का लाभ उठाकर ट्रेल विकास के अगले पड़ाव पर खड़ा है, जिससे हमारे खरीदारों के लिए ज्यादा सहभागिता और ज्यादा सुविधाजनक और आरामदेह माहौल बन सके। इससे भारत में निर्माता की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा ट्रेल भारत में उन अग्रणी पहल की शुरुआत करने में सबसे आगे है, जो भारत में सोशल कॉमर्स के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते है। इन-ऐप करेंसी से लेकर वॉचलिस्ट के कॉन्सेप्ट की सुविधा यूजर्स को मिलती हैं, जिससे उपभोक्ता अपनी व्यूइंग को डिजिटल करेंसी या फ्लैगशिप सेल्स में बदल सकता है। ट्रेल किएटर्स की पूरी जेनरेशन को अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए निर्माताओं की पूरी पीढ़ी को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है।  इसके साथ ही ट्रेल टियर 2-3 और अन्य शहरों के यूजर्स और ब्रैंड के बीच सीधा संबंध को भी बढ़ावा दे रही है। यह देखते हुए कि 70 प्रतिशत से ज्यादा क्रिएटर्स और 55 फीसदी से ज्यादा खरीदार मेट्रो शहरों के नहीं है, ट्रेल ने समग्र रूप से पूरे भारत के लिए ऑनलाइन शॉपिंग को ज्यादा आरामदायक बनाया है। व्यापार के लिहाज से 30 फीसदी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के हिसाब से 100 फीसदी मासिक विकास के साथ ट्रेल ने यह साबित किया है कि भारत के मेट्रो शहरों से अलग दूसरे शहर सोशल कॉमर्स और क्रिएटर इकॉनमी का विकास का इंजन हैं।सोशल कॉमर्स कारोबार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण क्षेत्र बनकर उभरा है। सोशल मीडिया के इस्तेमाल, वीडियो कॉन्टेंट की बढ़ती खपत और डिजिटल ट्रांजेक्शंस ने देश भर में तहलका मचा दिया है। ट्रेल प्लेटफॉर्म पर कंटेंट और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे ऐप पर प्रॉडक्ट्स को खोजने से लेकर चेकआउट तक यूजर्स को सुविधाजनक, आरमदायक और बिना किसी रुकावट के खरीदारी का अनुभव मिल सके। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य एक ऐसा विश्वसनीय माहौल बनाना है, जहां लाखों भारतीय सूक्ष्म उद्यमी बनकर लंबी अवधि तक आजीविका कमा सकते हैं।ट्रेल भारत का सबसे बड़ा लाइफस्टाइल सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म है। इस पर लाखों भारतीय अलग-अलग श्रेणियों में प्रासंगिक और सार्थक कंटेंट क्रिएट कर सकते हैं। इन श्रेणियों में यूजर्स को 12 क्षेत्रीय भाषाओं में फैशन, ब्यूटी, डीआईवाई, हेल्थ और वेलनेस, फिल्म या टीवी रिव्यू, फूड, ट्रैवल और कई क्षेत्र में कॉन्टेंट क्रिएट करने का मौका मिलता है। यह प्लेटफॉर्म काफी तेजी से आगे बढ रहा है। अब तक इसे 100 मिलियन से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है और इसके 60 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। अगस्त 2020 में, ट्रेल ने सोशल कॉमर्स सेगमेंट में प्रवेश करने का ऐलान करते हुए ‘शॉप’ सेक्शन को लॉन्च किया है। इसमें ब्यूटी, वेलनेस, फैशन, मॉल एंड एमपी और बेबी केयर कैटेगरीज में 1000 से ज्यादा ब्रैंड्स शामिल हैं।