नई दिल्ली-‘आप’ एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन के लाइसेंस के नाम पर लोगों से करोड़ों लूट रही है। एमसीडी के अनुसार यदि आप किसी पार्षद को जानते हैं तो 50 लाख देना होगा, यदि किसी बड़े नेता को जानते हैं तो 25-30 लाख देना होगा, तभी चार्जिंग स्टेशन बनवा सकते हैं। जबकी खुद प्रधानमंत्री ने चार्जिंग स्टेशन पर लाइसेंस खत्म कर दिया जिससे जबकी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिले। केजरीवाल बड़ी सब्सिडी दे रहे हैं, केंद्र ने भी लाइसेंस खत्म किया लेकिन एमसीडी ने इसमें भी लूट का तरीका ढूंढ़ लिया। आम आदमी पार्टी की मांग है कि एमसीडी लाइसेंस के नाम पर लोगों को ढ़गना बंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को एक डिजिटल प्रेस वार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि प्रदूषण कितना खतरनाक हो सकता है, मुझे नहीं लगता है कि दिल्ली वालों से ज्यादा कोई समझ सकता है। दिवाली के बाद दिल्ली में अत्यधिक प्रदूषण देखने को मिलता है। दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है। जिसके बाद दिल्ली किसी गैस चैंबर से कम नहीं लगती है। इसलिए शायद प्रदूषण और उसके बुरे प्रभाव को दिल्ली वालों से ज्यादा कोई नहीं समझता है। पूरी दुनिया, चाहे वह किसी भी देश की बात करें, हर कोई आज प्रदूषण से लड़ने में लगा हुआ है। इस दौरान सभी की यही कोशिश होती है कि हम ऐसे वाहनों का इस्तेमाल ना करें, जो प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं।इसी प्रकार से अलग-अलग तरीकों से लोग प्रदूषण को कम करने के बारे में सोचते हैं। इसमें जो सबसे अहम विकल्प सामने आया है वह इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल है। देखा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रदूषण कम से कम होता है। सभी देश इसको बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। खुद हिंदुस्तान इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रहा है। लेकिन इसकी एक सबसे बड़ी समस्या जो सामने आती है वह चार्जिंग स्टेशन है। लोग कहते हैं कि मान लीजिए हमने इलेक्ट्रिक वाहन तो खरीद लिया लेकिन यदि हमें आगरा या कहीं दूर जाना हो तो उसे चार्ज कहां करेंगे। क्योंकि चार्जिंग स्टेशन तो हैं ही नहीं। ऐसे में खुद प्रधानमंत्री ने जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन बनाने को कहा जिसके लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं है। आप अपने एसओपी को फॉलो करें और बिना लाइसेंस की चिंता किए चार्जिंग स्टेशन बनाएं क्योंकि खुद प्रधानमंत्री और बीजेपी की सरकार ने माना कि इसको अधिक से अधिक बढ़ावा मिले। अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने इसको लेकर जो पॉलिसी बनाई है, मुझे लगता है कि वह सबसे बेतरीन और अपग्रेडेड है। यदि इस पॉलिसी को सही तरीके से लागू किया जाए तो इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के मामले में दिल्ली सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया में एक लीडिंग उदाहरण हो सकती है। आज पूरे देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन दिल्ली में ही इस्तेमाल हो रहे हैं और यह ट्रेंड भी हो रहा है। इसका कारण यह भी है कि जो भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं, उसमें दिल्ली बहुत बड़े स्तर पर सब्सिडी दे ही रही है। लाइसेंस की तो जरूरत ही नहीं है ऊपर से सब्सिडी भी मिल रही है। यदि आप चार्जिंग स्टेशन खोल रहे हैं तो उसके लिए दिल्ली सरकार आपको पैसे देगी।लेकिन, कहते हैं कि जब कोई संगठन चोरी में लग जाए, तो वह हर जगह पैसा कमाने के चक्कर में लगे रहते हैं। मोदी जी कहते हैं कि चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं है। अरविंद केजरीवाल की सरकार उसके लिए सब्सिडी दे रही है। वहीं, साउथ एमसीडी कह रही है कि आपको लाइसेंस लेना पड़ेगा, हमारे पार्षद से मिलना पड़ेगा, हमारे नेताओं की सहमति लेनी पड़ेगी, तब जाकर आपको चार्जिंग स्टेशन खोलने देंगे। कितनी अजीब बात है कि यह लोग इतने बेर्शम, इतने बेलगाम हो गए हैं कि मोदी जी की भी नहीं सुनते। आज ऐसे समय में जब हर जगह लाइसेंस खत्म किया जा रहा है, वहीं साउथ एमसीडी में बैठे भाजपा नेता इसमें भी पैसा बनाने में लग गए हैं। दिल्ली के लोग भाजपा शासित एमसीडी से बहुत परेशान हो गए हैं।आपको एक दिलचस्प बात बताता हूं, एक व्यक्ति को चार्जिंग स्टेशन बनवाना था। उन्होंने मुझे फोन किया कि एमसीडी एक प्रस्ताव लेकर आई, कृपया कुछ कीजिए। मैंने कहा कि बीजेपी के किसी नेता से पूछिए कि क्या समस्या आ रही है। तो भाजपा के पार्षद ने उन्हें बताया कि यदि आप किसी पार्षद को जानते हैं तो चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए आपको 50 लाख देना पड़ेगा। यदि आप भाजपा के किसी बड़े नेता को जानते हैं तो 25-30 लाख रुपए में आपका काम हो जाएगा। तो जिस चार्जिंग स्टेशन को लगवाने के लिए खुद मोदी जी ने कहा कि लाइसेंस नहीं लगेगा, अरविंद केजरीवाल खुद सरकार का पैसा दे रहे हैं कि दिल्ली में ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन हों, जिससे जनता को फायदा हो, भाजपा शासित एमसीडी ने उसके लिए एक रेट तय कर दिया। यह बहुत ही गलत है। आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है और हम भाजपा के नेताओं से मांग करते हैं कि आप इस लाइसेंस की प्रक्रिया को खत्म करें। केजरीवाल की नहीं तो कम से कम मोदी जी की सुन लो।खुद केंद्र सरकार ने कहा कि इसका लाइसेंस नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि दिल्ली की भाजपा सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार करना चाहती है, पैसे कमाना चाहती है। आप हर लाइसेंस पर उगाही करेंगे। आपका हर नेता हर पार्षद मिलकर लाइसेंस की व्यवस्था से करोड़ों रुपए कमाने में लगा हुआ है। आम आदमी पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है। अगले 1-1.5 महीने में निगम के चुनाव हैं, आम आदमी पार्टी निगम की सत्ता में आएगी और इस पूरे सिस्टम को खत्म करेगी। हम दिल्ली में ऐसी अलोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं लागू होने देंगे।