नेशनल- नीति आयोग के सहयोग से भारत के महत्वाकांक्षी ज़िलों के लिए पेश किए गए बैजूज़ के करियर प्लस प्रोग्राम ने छात्रों को जेईई मेन्स 2023 जैसी मुश्किल प्रतियोगिता में अच्छे परिणाम हासिल करने में मदद की है। सीपीपी के 63 उम्मीदवारों में से 23 छात्र अच्छे परसेंटाईल स्कोर के साथ जेईई अडवान्स्ड 2023 के लिए क्वालिफाय हुए हैं। अन्यथा समाज के कमज़ोर वर्गों के इन छात्रों के लिए इस मुक़ाम तक पहुंचना संभव नहीं था। सीपीपी के तहत छात्र बैजूज़ के उच्च गुणवत्ता के टेक-उन्मुख लर्निंग प्रोग्राम का लाभ मुफ्त में उठा सकते हैं, इसी सहयोग के लिए चलते क्वालिफाय हुए 23 में से 8 छात्रों ने 80 से अधिक परसेंटाइल हासिल की है। उल्लेखनीय है कि क्वालिफाय होने वाले छात्रों में 22 फीसदी लड़कियां शामिल हैं। 29 अप्रैल को नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी के द्वारा इन परिणामों की घोषणा की गई थी।2021 के बाद से बैजूज़ के करियर प्लस प्रोग्राम ने 112 महत्वाकांक्षी ज़िलों से समाज के कमज़ोर वर्गों के असंख्य छात्रों को सहयोग प्रदान किया है। उन्हें मुफ्त टेक-उन्मुख लर्निंग प्रोग्राम उपलब्ध कराकर इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं में सफलता हासिल करने में मदद की है। चुने गए छात्र देश के 17 विभिन्न ज़िलों से हैं, ये आंकड़ों सीपीपी की व्यापक पहुंच को दर्शाते हैं। यह बैजूज़ के एजुकेशन फॉर ऑल फैलोज़ द्वारा उपलब्ध कराए गए सहयोग, मेंटरशिप एवं मार्गदर्शन का परिणाम है।इस उपलब्धि पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मानसी कैसलीवाल, वाईस प्रेज़ीडेन्ट, सोशल इनीशिएटिव्स, बैजूज़ ने कहा,महत्वाकांक्षी ज़िलों के लिए पेश किए बैजूज़ के करयिर प्लस प्रोग्राम के माध्यम से हम इन छात्रों को टेक-उन्मुख लर्निंग प्रोग्राम के साथ सशक्त बनाना चाहते हैं ताकि वे जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में पीछे न छूट जाएं। इन क्षेत्रों के छात्र, जो इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं देना चाहते हैं, उनके लिए कोचिंग की भारी भरकम फीस चुकाना मुश्किल होता है, ऐसे में वे प्रशिक्षित अध्यापकों के मार्गदर्शन और अध्ययन सामग्र से वंचित रह जाते हैं। इनमें से ज़्यादातर छात्र पहली पीढ़ी के लर्नर होते हैं। इन ज़िलों के छात्रों द्वारा हासिल किए गए शानदार परिणाम बताते हैं कि हमारा यह प्रोग्राम उन्हें गुणवत्तापूर्ण कोचिंग और मार्गदर्शन दे रहा है। हमें उम्मीद है कि आने वाले सालों में अधिक से अधिक छात्र हमारे मार्गदर्शन में इन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करेंगे। पंजाब के मोगा से बैजूज़ के सीपीपी छात्र शुभम गुप्ता जिन्होंने जेईई मेन्स 2.23 में 96.40 परसेन्टाईल हासिल की, उन्होंने कहा, ‘‘जेईई मेन्स में 96 परसेंटाईल हासिल करना मेरे लिए सपना सच होने की तरह है। मैं बैजूज़ के करियर प्लस प्रोग्राम के प्रति आभारी हूं, जिसने मेरी तैयारी को आसान बनाया। जेईई मेन्स को सबसे मुश्किल माना जाता है, लेकिन बैजूज़ के सहयोग, मार्गदर्शन तथ मेरे समर्पण एवं कड़ी मेहनत के चलते मैं जेईई अडवान्स्ड 2023 में क्वालिफाय हुआ हूं। इसके अलावा मेरे मेंटर के मार्गदर्शन, उच्च गुणवत्ता की अध्ययन सामग्री और नियमित मूल्यांकन ने भी मेरी सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुझे विश्वास है कि बैजूज़ के सीपीपी के सहयोग से मैं जेईई अडवान्स्ड में भी सफलता हासिल करूंगा। जेईई मेन्स को भारत में इंजीनियरिंग एंट्रेंस के बाद सबसे मुश्किल परीक्षा माना जाता है। यह साल में दो बार होती है, इससे छात्रों को अपने स्कोर में सुधार लाने का मौका मिलता है। जेईई अडवान्स्ड विशेष रूप से आईआईटी में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है, वहीं जेईई मेन का संचालन कई एनआईटी एवं अन्य सरकारी सहयोग के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए होता है। छात्रों के लिए यह समझना ज़रूरी है कि जेईई अडवान्स्ड में हिस्सा लेने के लिए जेईई मेन देना ज़रूरी होता है।