नई दिल्ली- नई आबकारी नीति के विरोध में गुरूवार को प्रदेश भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं ने राघव चड्ढा के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में प्रदेश भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा,प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक योगिता सिंह, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजन तिवारी,मोर्चे की महामंत्री डॉ. मोनिका पंत, जिला अध्यक्ष राजेश गोयल सहित अन्य महिला पदाधिकारी मौजूद थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि राघव चड्ढा ने अपने चाचा अशोक चड्ढा को दिल्ली में सैकड़ों शराब के ठेके दिलाने का काम किया है। आज प्रदेश भाजपा की महिला मोर्चा की मातृशक्ति इसलिए आई हैं कि राघव चड्ढा को केजरीवाल की वह बात याद करनी चाहिए कि जब उन्होंने कहा था कि शराब की दुकानें तभी खोली जाएगी जब महिलाएं उसकी इजाजत देगी। लेकिन केजरीवाल के हर वायदों की तरह यह वायदा भी झूठा साबित हुआ है। यमुना सफाई, डीटीसी बसों में वार्डन बैठाने से लेकर हर वायदा झूठा साबित हुआ है। मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने कहा था कि कोई भी ठेके खोले जाते हैं तो उसके लिए आरडब्लूए और महिला संगठन से पूछा जाता है लेकिन 850 ठेके खोलने के बाद भी एक बार भी किसी से राय तक नहीं ली गई। प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष एवं कार्यक्रम की संयोजक योगिता सिंह ने कहा कि दिल्ली में पहले 78 ऐसे वार्ड थे जहां एक शराब की दुकानें नहीं थी और यह पूरी दिल्ली की 58 प्रतिशत क्षेत्र है, लेकिन आज दिल्ली के हर एक वार्ड में तीन-तीन शराब की दुकानें खोलकर केजरीवाल सरकार प्रदेश को शराब नगरी बनाने में लगी हुई है। यही नहीं राघव चड्ढा एवं उनके साथियों ने मिलकर अपने ही परिवार वालों के नाम से शराब के ठेके खोल दिये हैं ताकि उसकी गाढ़ी कमाई की जा सके। इसके अलावा दो फीसदी कमीशन को 12 फीसदी कर दिया गया ताकि कमीशन के पैसे से दूसरे राज्यों में चुनावी दौरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, विद्यालयों एवं कॉलेजों के बगल में शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। यहां तक की रिहायशी इलाकों को भी नहीं छोड़ा गया है। पानी के समान वितरण की बात करने वाले केजरीवाल अब दिल्ली में शराब का समान वितरण करने में लगे हुए हैं। योगिता सिंह ने कहा कि शराब नीति के तहत महिलाओं के लिए अलग पिंक ठेके खोलने एवं महिलाओं के लिए शराब पर 30 फीसदी की छूट देने की बात करने वाले केजरीवाल क्या साबित करना चाहते हैं कि दिल्ली की महिलाएं ज्यादा शराब पीती हैं। युवाओं को रोजगार देने की जगह उन्हें शराब पीना सिखाया जा रहा है। शराब नीति का अगर सबसे बुरा प्रभाव किसी पर पड़ता है तो वह महिला वर्ग है इसलिए आने वाले समय में दिल्ली की महिलाएं केजरीवाल को शराब नीति के तहत फैलाए जा रहे भ्रष्टाचार के लिए सबक सिखाएगी।