जयपुर- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को दावा किया कि हमारी सरकार ने जो कहा, वह करके दिखाया है और हमने सिर्फ किसान हित की बात नहीं की, उनके कल्याण के लिए कदम भी उठाए हैं। गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने अलग कृषि बजट पेश करने की घोषणा की और इस साल बजट में कृषि के लिए करीब 79 हजार करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमारे किसान भाई कैसे खुशहाल बनें और उन्हें अपने उत्पादों की उचित कीमत कैसे मिले इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सोमवार को श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर में तीन दिवसीय हाईटेक एग्री एक्सपो-2022 कृषि मेला के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, हमने सिर्फ किसानों के हित की बात नहीं की बल्कि इस दिशा में कदम उठाए हैं। पिछले तीन साल में लिए गए हमारे फैसले दर्शाते हैं कि किसानों के कल्याण के लिए हमारी सरकार समर्पित भाव से प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों का यह प्रयास होना चाहिए कि उनके वहां हो रहे शोध कार्यों का लाभ किसान के खेतों तक कैसे पहुंचे। उन्होंने कहा कि खेत-खलिहान के साथ ही घर की छतों पर पानी की एक-एक बूंद कैसे बचाई जाए यह सभी को सोचना होगा। गहलोत ने जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के बीच में से निकल रही सडक़ के कारण हो रही परेशानियों को देखते हुए वहां बायपास बनवाने की घोषणा की। पांच से सात किलोमीटर लंबे इस बायपास पर करीब 46 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि विधायकों एवं जन प्रतिनिधियों की मांगें पूरी करने में हमारी सरकार ने पिछले तीन साल में कोई कमी नहीं रखी है। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश में आधारभूत ढांचा मजबूत करने का काम किया जा रहा है। हमारी सरकार ने किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए के कृषि ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराए हैं। किसानों को एक हजार रुपए प्रति माह बिजली बिल में छूट दी जा रही है। इससे करीब साढ़े पांच लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है। कार्यक्रम में कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य में करीब 60 कृषि महाविद्यालय खुल चुके हैं। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान भैरूराम जाट, सीताराम यादव, गंगाराम सेपट, रणजीत सिंह व सुरेन्द्र अबाना को कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।