नई दिल्ली-सशस्त्र बलों में भर्ती की केंद्र की नई योजना अग्निपथ के खिलाफ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन आइसा के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कुछ मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार  को बंद कर दिए गए। दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने यह जानकारी दी। डीएमआरसी ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए यात्रियों को सुरक्षा कारणों से स्टेशनों के द्वार बंद होने के बारे में जानकारी दी।आइसा के सदस्यों ने अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ पुलिस के रवैए के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।डीएमआरसी ने ट्वीट कर ताजा जानकारी दी कि सुरक्षा कारणों के चलते शुरुआत में आईटीओ मेट्रो स्टेशन और ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन के कुछ दरवाजे बंद किए गए। बाद में ढांसा बस स्टैंड के सभी द्वार कुछ देर के लिए बंद कर दिए गए। इससे पहले, डीएमआरसी ने दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर ट्वीट किया, आईटीओ मेट्रो स्टेशन के सभी द्वार बंद हैं। डीएमआरसी ने कहा कि दिल्ली गेट और जामा मस्जिद सहित कुछ अन्य मेट्रो स्टेशन के प्रवेश एवं निकास द्वार भी कुछ समय के लिए बंद किए गए। सरकार ने मंगलवार को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। सरकार ने कहा था कि साढ़े 17 से 21 वर्ष के युवाओं को चार साल के लिए थल, वायु और नौसेना में भर्ती किया जाएगा और चार साल के बाद उनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवाएं देने का अवसर दिया जाएगा। बृहस्पतिवार को सरकार ने योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा को 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष करने की घोषणा की, लेकिन योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी हैं।प्रदर्शनकारी हाथ में तख्ती लिए नजर आए, जिस पर सशस्त्र बलों में रिक्त सभी पदों पर तत्काल स्थाई आधार पर भर्ती हो , अग्निपथ योजना वापस लें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार जाग जाओ लिखा था। आईटीओ पर नारेबाजी भी की गई। प्रदर्शनकारियों ने, अग्निपथ वापस लो, तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए। छात्रों के समूह ने दावा किया कि उसके कई सदस्यों को विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 17 से 18 युवक विरोध प्रदर्शन के लिए आईटीओ पर जमा हुए। उन्हें हिरासत में लेकर तत्काल इलाके से हटा दिया गया। आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. साई बालाजी ने कहा, हम अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इससे रक्षा क्षेत्र में नौकरियों संविदा आधारित हो जाएंगी। मोदी सरकार को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए शर्म आनी चाहिए।