बेंगलुरु-कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कानून निर्माताओं के लिए बेंगलुरु स्थित बालाब्रूई अतिथि गृह में कॉन्स्टीट्यूशन क्लब स्थापित करने की मंजूरी दे दी। राज्य सरकार की ओर से पैलेस रोड पर स्थित धरोहर इमारत में इस क्लब को स्थापित किया जाना प्रस्तावित था जिसे उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करके चुनौती दी गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि पूरे बेंगलुरु शहर में पेड़ अंधाधुंध तरीके से काटे जा रहे हैं। याचिका में इंगित किया गया था कि बेंगलुरु मेट्रो और प्रस्तावित कांस्टीट्यूशन क्लब के पेड़ भी काटे जा रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वाराले और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागरी की पीठ ने निर्देश दिया कि धरोहर इमारत को क्षति पहुंचाए बगैर और कोई पेड़ काटे बिना क्लब को स्थापित किया जा सकता है। सरकार के अधिवक्ता प्रथिमा होन्नापुरा ने अदालत से कहा कि धरोहर इमारत को कोई नुकसान नहीं होगा और इसके परिसर के किसी प्राचीन पेड़ को नहीं काटा जाएगा। सरकार की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि इस अतिथि गृह में 159 पेड़ हैं, लेकिन इनमें से किसी को भी काटा नहीं जाएगा। मुख्य न्यायाधीश वाराले ने इसी बीच कहा कि नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में एक अच्छा पुस्तकालय है और वहां अच्छी कॉफी मिलती है।