नई दिल्ली – कई बार ज़िंदगी की रफ्तार इतनी तेज़ हो जाती है कि हम अपनी ही आवाज़ नहीं सुन पाते। बाहर की दुनिया का शोर और भीतर की उलझनें हमारे सपनों और इच्छाओं को धीरे-धीरे दबा देती हैं। ऐसे में एक किताब आती है जो सिर्फ़ शब्दों से नहीं, बल्कि समझ और एहसास से आपको आपकी ही गहराइयों से मिलवाती है, शू द नॉयसेज़, जिसको ब्लूम्सबरी ने प्रकाशित करा है जो कि एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक है । कानपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मीं और दिल्ली में रहने वाली अनामिका मिश्रा की यह किताब ज़िंदगी को बदल देने की ताक़त रखती है । अनामिका एक सुप्रसिद्ध लेखिका, होलीस्टिक लाइफ कोच, टैरो गाइड, और भारत की सबसे लोकप्रिय ट्रैवल इंफ्लुएंसर्स में से एक हैं। हाल ही में उन्हें सोशल इन्फ्लुएंसर ऑफ द ईयर के पुरस्कार से नवाज़ा गया।यह किताब उनके लिए भी बहुत व्यक्तिगत है, क्योंकि अपने माता-पिता को खोने के बाद, जब अनामिका खुद भावनात्मक उथल-पुथल से गुज़र रही थीं, उसी समय उन्होंने यह महसूस किया कि उनके जैसे लाखो लोग होंगे जो उनके जैसे अपने दुख, दर्द, डर, उलझन, संदेह और बड़े सपने एक मुस्कान के पीछे छुपाते फिरते होंगे। यही अनुभव इस किताब की नींव बना। अनामिका कहती हैं,हर इंसान अपने अंदर एक ख़ामोश जंग लड़ रहा है, जिसे वो किसी से साझा नहीं करता और अपनी इच्छाओं व सपनों को दबा देता है। इन ‘नोइसेज़’ को समझना ज़रूरी है, तभी आप अपने सपनों को सच में बदल सकते हैं। शु द नॉइज़ सिर्फ़ एक किताब नहीं है, बल्कि एक निजी जीवन मार्गदर्शक है जो पाठक को अपने बधाओ को समझने, पुरानी नकारात्मक सोच की लूप को तोड़ने, फोकस दोबारा पाने और अपने सपनो कि दुनिया अपनी इच्छाओ को मैनीफेस्ट करने में मदद करता है। शू द नॉइज़ एक ऐसी किताब है जिसे पढ़ने के बाद पाठक कहते हैं कि यह उनके लिए किसी थेरेपी से कम नहीं थी। यह किताब एक पर्सनल लाइफ कोच है जो आपको वो सभी चीज़ो के बारे में सिखाती है जो ज़रूरी है आपकी ज़िंदगी में अगर आप वाकई में अपनी ड्रीम लाइफ जीना चाहते है।आज जब युवाओं से लेकर प्रोफेशनल्स और एंटरप्रेन्योर्स तक सभी आत्मा-खोज, मानसिक शांति और अपने सपनों की तलाश में हैं, अनामिका मिश्रा की शू द नॉइज़ एक ऐसी किताब बन गई है जो सिर्फ़ प्रेरित नहीं करती, बल्कि आपको आपसे मिलवाती है और सही दिशा दिखाती है।