नई दिल्ली- दिल्ली मेट्रो के पहिए अब पक्षी थाम नहीं पाएंगे। पक्षियों के कारण होने वाले तकनीकी खराबी को रोकने के लिए दिल्ली मेट्रो ने खुद को अपग्रेड कर रही है। साथ ही तकनीकी सुधार भी किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल ने बताया कि कई बार पक्षियों के कारण मेट्रो संचालन में तकनीकी खराबी आ जाती है जिसे देखते हुए 5 हजार प्रमुख जगहों पर 10 हजार बर्ड स्पाइक्स लगाए गए। इनमें से यलो लाइन पर एक हजार और ब्लू लाइन पर दो हजार लगाए गए। आने वाले दिनों में 12 हजार जगहों पर 30 हजार और स्पाइक्स लगाए जाएंगे। इनमें ब्लू लाइन पर 3500 और यलो लाइन पर दो हजार शामिल हैं। इसके अलावा मेट्रो के ब्लू लाइन और वायलेट लाइन पर वर्चुअल सिग्नलिंग को अपग्रेड किया जा रहा है। ताकि आने वाले दिनों में मेट्रो की सेवा बिना किसी बाधा के चल सकें। बता दें कि दिल्ली मेट्रो में प्रति दिन 50 लाख से अधिक लोग सफर करते हैं। पीक आवर के दौरान ब्लू लाइन, येलो और वायलेट लाइन में काफी भीड़ होती है। यह लाइन सीधे तौर पर दिल्ली को एनसीआर से जोड़ती है। इन लाइनों की मदद से यात्री दिल्ली से नोएडा व गुरुग्राम-फरीदाबाद काम करने आते-जाते हैं। ओवर हेड वायर के टूटने व अन्य कारणों से आ रही दिक्कत को दूर करने के लिए दिल्ली मेट्रो ओवर हेड वायर में लगने वाले पिन को बदल रही है। अभी तक ओवर हेड वायर की तारों पर कॉपर स्प्लिट पिन लगाए जा रहे थे जिसे स्टेनलेस स्टिल पिन से बदला जा रहा है। बीते दिनों 10 हजार जगहों से करीब 22 हजार कॉपर स्प्लिट पिनों को बदला गया है। इनमें से यलो लाइन पर 3500 और ब्लू लाइन पर 8 हजार पिन बदले गए हैं। दिल्ली मेट्रो ने केबल चोरी को रोकने के लिए कई उपाए किए हैं। मेट्रो के अनुसार अक्सर केवल चोरी की घटना सामने आती थी जिससे मेट्रो सेवा प्रभावित होती थी। इसे रोकने के लिए वायडक्ट के बीच के गैप को भरा गया है। 1250 जगहों पर लाइव वायर (कैटेनरी) और अर्थ वायर के बीच तकनीकी अनुकूलता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त इंसुलेटर लगाए जा रहे हैं। ब्लू पर 200 जगहों पर और येलो लाइन पर 450 जगहों पर स्थापित किया जा चुका है। 250 की पहचान की जा रही है।फेलियर के दौरान ट्रेनों के वर्तमान शॉर्ट लूप संचालन में सुधार करने के लिए मेट्रो ने लाइन -1, लाइन -2 और लाइन -3/4 में 26 अतिरिक्त ओवर हेड वायर स्विचिंग लोकेशन स्थापित किए हैं, जहां ट्रैक्शन सिस्टम (बिजली आपूर्ति) में संशोधन बेहतर शॉर्ट लूपिंग प्रदान कर सकता है। इनमें से 9 स्थान ब्लू लाइन पर, 11 येलो पर और 6 रेड लाइन पर चिन्हित किए गए हैं। इन सभी को अपग्रेड किया जा रहा है। इसने हाल के दिनों में विफलता के प्रभाव क्षेत्र को कम करने में भी मदद की थी।जून माह में दिल्ली मेट्रो 6 बार खराब हो चुकी है जिस कारण हजारों यात्रियों को घंटों परेशान होना पड़ा। इसमें से 2 बार ब्लू लाइन और 1 बार यलो लाइन ने यात्रियों को परेशान किया था। यह दोनों ट्रेन बाहरी कारणों से प्रभावित हुई थी। मेट्रो के अनुसार दिल्ली मेट्रो ट्रेन परिचाल को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन पक्षी, मांझे व अन्य कारणों से ट्रेन प्रभावित होती है। इन्हें रोकने के लिए तकनीक को बेहतर बनाया जा रहा है।जून माह में बार-बार खराब हुई दिल्ली मेट्रो को देखते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली मेट्रो से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। उनके निर्देश के तहत मंगलवार तक दिल्ली मेट्रो को रिपोर्ट सौंपनी है। इस रिपोर्ट में मेट्रो को कारण बताना है कि मेट्रो क्यों खराब हुई और इसे दूर करने के लिए मेट्रो क्या प्रयास कर रहा है।