नई दिल्ली-गरीब की दुआ में तरक्की और बदुआ में पतन शामिल होता है यह कहावत ईमानदारी और कर्मठता का परिचय देते हुए पूर्वी दिल्ली नगर निगम में काबीज महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल पर सटीक बैठती है। मामला त्रिलोकपुरी के 10 ब्लॉक का है जहां पर एक गरीब परिवार को अपनी दुकान से कब्जा हटवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा। यही नहीं श्रीपति नाम की पीडि़त महिला ने अपनी दुकान में अवैध कब्जे को लेकर निगम के उच्च अधिकारियों और निगम नेताओं के खूब चक्कर लगाए लेकिन पीडि़त श्रीपति की कोई सुनने वाला दिखाई नहीं दिया। जब ये अवैध निर्माण का मामला पूर्वी निगम के आयुक्त विकास आनंद के समक्ष पहुंचा तो कमिश्नर साहब ने तुरंत ही अवैध निर्माण तोडऩे के आदेश जारी कर दिए लेकिन दिल्ली पुलिस की उदासीनता के कारण आखिरकार निगम की टीम को पुलिस बल नहीं मिल पाया। फिर क्या था दबंगों के हौसले और अधिक बढऩे लगे लेकिन इस पर भी दुकान की मालकिन पीडि़त श्रीपति ने हार नहीं मानी और दबंगों के साथ बड़ी निडरता और बहादुरी से अपनी दुकान के लिए संघर्ष करती रही। फिर एक दिन पीडि़ता श्रीपति को अचानक महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल से मुलाकात कर अपनी अपनी समस्या को बताया। ये सब सुनकर पीडि़ता श्रीपति अपने परिवार के साथ पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल के कार्यालय पहुंची। पीडि़ता की दुखी अवस्था और दिल्ली पुलिस के इस ढीले रवैया को देखते हुए आखिरकार महापौर ने पीडि़ता के साथ उसकी मदद करने का फैसला कर लिया। महापौर ने दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया और फिर क्या था दिल्ली पुलिस हरकत में आई और निगम दस्ते ने मौके पर जाकर पुलिस बल के साथ आखिरकार उस अवैध निर्माण को ढहा दिया। तत्पश्चात श्रीपति के परिवार के लोगों को अपनी दुकान वापस मिल पाई।