नई दिल्ली  – आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की आज हुई बैठक में इक्विटी पूँजी के तहत प्रेफरेंशियल इश्यू को मंजूरी दी गई। इसमें करीब लगभग 4,876 करोड़ रुपए की राशि करंट सी इन्वेस्टमेंट्स बी.वी. को दी जाएगी, जो वारबर्ग पिंकस एलएलसी की एक सहयोगी कंपनी है। इसके अलावा, लगभग 2,624 करोड़ रुपए की मंजूरी प्लेटिनम इनविक्टस बी 2025 आरएससी लिमिटेड को मिली है, जो अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और इसके निजी इक्विटी विभाग द्वारा संचालित होती है। पिछले छह वर्षों में, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने खुद को एक इन्फ्रास्ट्रक्चर-केंद्रित विकास वित्त संस्थान से बदलकर एक आधुनिक, तकनीकी-संचालित और पूरे भारत में फैले यूनिवर्सल बैंक के रूप में सफलतापूर्वक रूपांतरित किया है। इस सफर में बैंक ने वितरण, तकनीक और प्रतिभा में बड़े स्तर पर निवेश किया है, ताकि वह देश के अग्रणी प्राइवेट सेक्टर बैंकों में से एक के रूप में स्थान पा सके।इन वर्षों में बैंक की जमा राशि छह गुना बढ़ी है, लोन और एडवांस की राशि दोगुनी हुई है, और कासा अनुपात 8.7% से बढ़कर 47.7% तक पहुँच चुका है। वित्त वर्ष 2024 में बैंक ने 2,957 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया। हालाँकि, वित्त वर्ष 2025 की पहली तीन तिमाहियों में माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र की चुनौतियों के कारण लाभ में थोड़ी गिरावट आई। इस नए फंड रेज़ के साथ, बैंक का ओवरऑल कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो 16.1% से बढ़कर 18.9% हो जाएगा। वी. वैद्यनाथन, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, ने कहा, हमने बैंक की नींव पहले दिन से ही एक विश्वस्तरीय बैंक बनाने की दीर्घकालिक सोच के साथ रखी है। हमारा उद्देश्य एक ऐसी संस्कृति स्थापित करना है, जो ग्राहकों के लिए संवेदनशील हो और उन्हें उत्कृष्ट सेवा प्रदान करे। हम तकनीक के मामले में काफी उन्नत हैं और लगातार नई तकनीकों को अपनाने में विश्वास रखते हैं।विशाल महादेविया, मैनेजिंग डायरेक्टर, हेड- एशिया प्राइवेट इक्विटी, और ग्लोबल को-हेड- फाइनेंशियल सर्विसेस, वॉरबर्ग पिंकस, ने कहा, हम मानते हैं कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र रोमांचक अवसर से परिपूर्ण है और यह दीर्घकालिक विकास की ओर बढ़ रहा है। वॉरबर्ग पिंकस में, हमारे पास उत्कृष्ट टीमों के साथ साझेदारी करने का लंबा अनुभव है। हम आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की टीम को उनके शुरुआती दिनों यानि एक दशक से जानते हैं। हमद शाहवान अलधाहेरी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर- प्राइवेट इक्विटी डिपार्टमेंट, एडीआईए, ने कहा, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने खुद को भारत के प्रमुख निजी क्षेत्र के बैंकों में से एक के रूप में स्थापित किया है, जिसे एक अनुभवी प्रबंधन टीम का समर्थन प्राप्त है। यह निवेश बैंक की निरंतर वृद्धि का समर्थन करने पर केंद्रित है, जिससे यह देश में वित्तीय उत्पादों की बढ़ती माँग को पूरा कर सके।