नई दिल्ली- विश्व पर्यावरण दिवस पर आईपी यूनिवर्सिटी में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्लास्टिक से बने बेकार के सामान को चुन-चुन कर हटाया गया। येसे खाद्य सामान की प्रदर्शनी लगाई गई जो बने तो प्लांट से थे पर नॉन-वेज जैसा स्वाद दे रहे थे। अडैप्ट टू ग्रीन थीम पर एक लघु वृतचित्र भी इस अवसर पर दिखाई गई। कई दर्जन औषधीय पौधें इस अवसर पर कैम्पस में लगाए गए। डबल्युडबल्युएफ इंडिया की कार्यक्रम प्रमुख डॉक्टर सजल वोहरा, वल्र्ड ऐनिमल प्रटेक्शन इंडिया के कंट्री डिरेक्टर गजेंद्र कुमार शर्मा, डबल्युएपी की ओर से निधि मोहन कमल, यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ इन्वायरॉन्मेंट मैनज्मेंट की डीन प्रो. रीटा सिंह, उसी स्कूल के प्रो. पी भट्टाचार्य भी इस अवसर पर मौजूद थे।यूनिवर्सिटी के कुलसचिव शैलेंद्र सिंह परिहार ने इस अवसर पर यूनिवर्सिटी स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं का आह्वान करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण को आज की भागम-भाग की जिंदगी में आउट आफ फोकस न होने दें। इसे अपने दिनचर्या का हिस्सा बनायें। आपके द्वारा प्रतिदिन किए गए छोटे-छोटे प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा बदलाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में हमें पर्यावरण संरक्षण की अहमियत समझ में आयी। लोगों ने तुलसी, एलोवेरा के पौधे लगाने शुरू कर दिए। ऑक्सिजन उत्सर्जित करने वाले पौधे लगाने की होड़ लग गई जबकि आदि काल से येसे औषधीय पौधे लगाने पर जोड़ दिया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के लिए जरूरी नही कि आपके पास फार्म लैंड हो या बड़ा बगीचा हो,अगर मन में संकल्प हो तो घर की बालकनी और छत भी येसे पौधे लगाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. महेश वर्मा के प्रयासों से आज द्वारका कैम्पस पूरी तरह ग्रीन कैम्पस में तब्दील हो गया है।