नई दिल्ली – इंडो-उज़्बेक एजुकेशन एंड बिज़नेस समिट 2025 ने शिक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्रों में भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच सहयोग को नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध किया।यह समिट भारत में उज़्बेकिस्तान गणराज्य के दूतावास के सहयोग और एमडी हाउस के आयोजन में संपन्न हुई, जिसमें दोनों देशों के 100 से अधिक प्रतिष्ठित अतिथि शामिल हुए जिनमें विश्वविद्यालयों के रेक्टर, निवेशक, वरिष्ठ अधिकारी, और व्यापारिक नेता उपस्थित रहे। अपने उद्घाटन भाषण में उज़्बेकिस्तान गणराज्य के राजदूत “श्री सरदोर रुस्तंबाएव” ने भारतीय छात्रों, विशेष रूप से मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में, उज़्बेकिस्तान की बढ़ती लोकप्रियता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा,उज़्बेकिस्तान भारतीय छात्रों के लिए एक स्वर्ग है, और बताया कि वर्तमान में 10,000 से अधिक भारतीय छात्र उज़्बेकिस्तान में मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिनिधियों ने अपने संस्थानों की जानकारी साझा की और भारतीय छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली, वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करने के अपने उत्साह को दोहराया। प्रमुख विश्वविद्यालयों के बीच अकादमिक एक्सचेंज के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे संयुक्त शोध, छात्र विनिमय और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की नींव रखी गई। उज़्बेकिस्तान भारतीय उद्यमियों के लिए एक उभरता हुआ निवेश केंद्र बनता जा रहा है, खासकर इन क्षेत्रों में: फार्मास्यूटिकल्स, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा और कौशल विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर, आईटी और लॉजिस्टिक्स। राजदूत रुस्तंबाएव ने कहा,हम भारतीय निवेशकों का खुले दिल से स्वागत करते हैं। हमारी सरकार कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष सहयोग को बढ़ावा देती है। इस मंच पर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और पर्यटन की संभावनाओं का उत्सव भी मनाया गया। सिल्क रोड की धरोहर से समृद्ध उज़्बेकिस्तान में भारतीय पर्यटकों की रुचि लगातार बढ़ रही है खासकर समरकंद, बुखारा और खीवा जैसे शहर, जो यूनेस्को विरासत स्थलों, रंगीन बाज़ारों और साझा सांस्कृतिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध हैं। समिट ने शिक्षा, निवेश और जन-से-जन संपर्क को मजबूत करने की दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दोहराया जो परस्पर विकास और सांस्कृतिक सौहार्द की साझा दृष्टि को मजबूती देता है। उज़्बेकिस्तान गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा का केंद्र बन चुका है, जो भारतीय छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक क्लीनिकल ट्रेनिंग प्रदान कर उन्हें सफल और संवेदनशील डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक वैश्विक क्षमताओं से सशक्त करता है।