तिरुवनंतपुरम- केरल विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसके तहत केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि, उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, राज्य में वनों और अभयारण्य के आसपास एक किलोमीटर चौड़ाई वाले ईको सेंसिटिव जोन ईएसजेड का निर्माण करने के दौरान आवासीय क्षेत्र और कृषि भूमि को छोड़ दिया जाए। केरल के वन मंत्री ए. के. शशिंद्रन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में सरकार ने कहा कि राज्य की विशेष परिस्थिति को देखते हुए ईएसजेड से आवासीय स्थलों और कृषि क्षेत्रों को पूरी तरह छूट मिलनी चाहिए। केरल में जनसंख्या घनत्व 900 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है और बसावट के लायक जमीन सीमित है। प्रस्ताव में अनुरोध किया गया है कि केंद्र सरकार कानून बनाने या वैधानिक उपाय समेत आवश्यक कदम उठाए और राज्य सरकार के सुझावों के आधार पर ईएसजेड संबंधी अधिसूचना जारी करे। यह प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय के तीन जून के आदेश के मद्देनजर पारित किया गया है जिसमें निर्देश दिया गया था कि राष्ट्रीय उद्यान समेत हर संरक्षित वन और वन्यजीव अभयारण्य के आसपास एक किलोमीटर का ईएसजेड होना चाहिए और ऐसे उद्यानों में खनन पर प्रतिबंध होना चाहिए।