संसद भवन के उद्घाटन में 19 विपक्षी दल शामिल नहीं होंगे विपक्षी दलों द्वारा उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया गया है बीजेपी लगातार विपक्ष पर हमलावर है. ताजा मामले में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने जेडीयू और खासकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर उनकी ही पुरानी बात को याद दिलाकर हमला बोला है सुशील मोदी ने कहा कि नये संसद भवन के शुभारम्भ पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईर्ष्या-द्वेष की राजनीति करने वाले नीतीश कुमार बतायें कि 17 साल में उन्होंने कितने सरकारी भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन राज्यपाल से कराया? उन्होंने आगे कहा कि कहा कि पटना में विधानमंडल के नये भवन का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री ने किया था और किसी ने उस कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं किया था.सुशील मोदी ने कहा कि यदि हिम्मत है तो विपक्ष घोषणा करें कि वह भारतीय अस्मिता और गौरव के प्रतीक नये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेगा. उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विरोध किया और अपशब्द तक कहे थे, उन्हें आज आदिवासी सम्मान की बड़ी चिंता हो रही है उन्होंने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पुराने संसद भवन की एनेक्सी का उद्घाटन किया था. बाद में सांसद राहुल गांधी ने संसद के पुस्तकालय का शिलान्यास किया. कांग्रेस को कभी राष्ट्रपति की याद क्यों नहीं आयी? सुशील मोदी ने आगे कहा कि यूपीए सरकार के समय जयराम रमेश नया संसद भवन बनाने की जरूरत बता रहे थे. जब एनडीए सरकार ने सेंट्रल विस्टा बनाने का निर्णय किया, तब कांग्रेस विरोध में खड़ी हो गई उन्होंने कहा कि जो लोग नये संसद भवन के विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक गए और पराजित हो कर लौटे, वे अब केवल इसलिए विरोध में हैं कि इस भवन के उद्घाटन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को मिलते नहीं देख सकते. सुशील मोदी ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से लैस नये संसद भवन का उद्घाटन महान स्वाधीनता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर हो रहा है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्धघाटन दिल्ली में करेंगे. एक और सत्ता पक्ष इसको लेकर खुश है और सारी तैयारियां कर रहा है. वहीं, दूसरी ओर विपक्ष के बयान और प्लान से नए संसद भवन के उद्धघाटन के कार्यक्रम पर विवाद शुरू हो गया है. अबतक कांग्रेस समेत 19 राजनीतिक दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है. इसमें कांग्रेस के अलावा, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, आरजेडी जैसे राजनीतक दल शामिल हैं जिन्होंने इस कार्यक्रम से किनारा करने का फैसला किया है. सभी ने एक सुर में कहा है कि उद्धघाटन का बहिष्कार करेंगे. आने वाले समय में ये लिस्ट और बढ़ सकती है.