नई दिल्ली- पेपमाइंड की छात्रा काव्या यादव को एक मिनट में सबसे ज्यादा देशों की राजधानियों के नाम बताने का रिकॉर्ड बनाने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा प्रमाणित किया गया था। 31 मार्च, 2012 को जन्मी काव्या यादव सिर्फ 10 वर्ष की है और हरियाणा के गुरुग्राम में रहती है। पेपमाइंड के संस्थापक एवं पेरेंटिंग कोच विनोद फुटेला का कहना है,हरेक बच्चे में व्यापक संभावनाएं होती हैं, लेकिन हमें उन्हें प्रशिक्षित करने और सामने लाने की जरूरत होती है। मौजूदा समय में,बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं जिससे उनमें एकाग्रता का अभाव होता है। इसके अलावा, वे अपनी पढ़ाई में भी कम दिलचस्पी लेते हैं। हरेक माता-पिता को अपने बच्चों को ऐसी शारीरिक एवं मानसिक गतिविधियों से जोड़े रखना चाहिए जिससे कि हम उनके अध्ययन में दिलचस्पी विकसित कर सकें और उनकी एकाग्रता को बढ़ाया जा सके। पेपमाइंड बच्चों को बेहद खास एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ क्षमताओं के इस्तेमाल में मदद करता है। पेपमाइंड के 80 से ज्यादा छात्र रिकॉर्ड बना चुके हैं। तीन छात्रों ने अपनी स्वयं की पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इन सभी छात्रों की उम्र सिर्फ 8 से 14 साल के बीच है।पेपमाइंड की छात्रा काव्या यादव ने लैपटॉप पर देशों के नाम देखकर एक मिनट में 134 देशों की राजधानियों के नाम बताए। 20 फरवरी, 2023 को उसकी उम्र 10 साल, 10 महीने और 20 दिन थी। पेपमाइंड के संस्थापक विनोद फुटेला ने काव्या यादव की प्रशंसा की।
स्मार्ट लर्निंग स्टूडियो पेपमाइंड ने लीडरशिप और एक्जीक्यूटिव ट्रेनिंग की वैश्विक प्रदाता के तौर पर खास पहचान बनाई है। यह संस्थान दुनिया को बेहद खास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है, जिसमें बच्चों को इस बारे में प्रशिक्षित किया जाता है कि उनमें नेतृत्व के गुण कैसे विकसित किए जाएं, उनकी दिमागी शक्ति का उपयोग कैसे किया जाए और उनके अंदर छिपी हुई क्षमता एवं प्रतिभा को पहचानने के साथ साथ जरूरी जीवन कौशल का अनुभव कैसे किया जाए। यह व्यावहारिक समाधान प्रदान करता है और भावनात्मक चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए छात्रों में चेतन एवं अवचेन मन को जागृत करता है, सकारात्मक आत्म-छवि का निर्माण करता है, उनके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ाता है, और इस तरह से उन्हें अच्छी तरह से सीखने में सक्षम बनाता है। विनोद फुटेला पेपमाइंड के संस्थापक हैं। विनोद फुटेला भारत के प्रख्यात एनएलपी कोच, लेखक, मानसिक चिकित्सक और समर्पित अभिभावक हैं। उन्होंने युवाओं और बुजुर्गों, सभी को सक्षम बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है और 17 वर्षों से ऐसा कर रहे हैं। अब तक वे अपने प्रशिक्षण के जरिये पूरे देश में 90,000 से ज्यादा लोगों की जिंदगी में बदलाव ला चुके हैं। अपने सराहनीय कार्यों के लिए, फुटेला को वर्ष 2012 में ‘एजूकेशन ऐक्सीलेंस अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था, 2016 में भारत सरकार में राज्य मंत्री श्रीपद नाइक से प्रशस्त्रि पत्र दिया गया, और नॉलेज पार्टनर महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी की भागीदारी में केएटी-एजू ऐक्सीलेंस अवार्ड्स 2018 में ‘बेस्ट ट्रेनर ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया गया।