नई दिल्ली- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रदूषण के खिलाफ प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित करता है और यह अपशिष्ट जल के उपचार के लिए सर्वोत्तम तकनीक है और पर्यावरण की सुरक्षा में मदद करता है। यह बात नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने नेहरू पार्क चाणक्यपुरी दिल्ली में विकेंद्रीकृत सीवर उपचार संयंत्र का दौरा करने के बाद कही। एसटीपी के लाभों का उल्लेेख करते हुए उपाध्याय ने कहा कि एसटीपी नदियों, झीलों और महासागरों जैसे जलभृतों या पानी के प्राकृतिक निकायों तक पहुंचने से पहले अपशिष्ट जल, या सीवेज से अशुद्धियों को हटा देते हैं। एसटीपी रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और हानिकारक जीवाणुओं को भी मारते हैं। उपाध्याय ने कहा कि सीवेज पानी और कचरे का एक संयोजन है, जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे वाणिज्यिक, औद्योगिक या आवासीय आदि से कार्बनिक और अकार्बनिक ठोस होते हैं। इसलिए अपशिष्ट जल की सफाई बहुत आवश्यक है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जो सबसे किफायती तरीके से हानिकारक दूषित पदार्थों को खत्म करता और एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह एक हरित प्रौद्योगिकी पर आधारित है, जिसका नाम मृदा जैव-प्रौद्योगिकी, एसबीटी है जो अपनी तरह का एक है और कई लाभ जैसे ध्वनि प्रदूषण नहीं, कोई वायु प्रदूषण नहीं, कोई गंध उपद्रव नहीं, कोई वीओसी उत्सर्जन उत्पन्न नहीं होता है। अजय गुप्ता, एसई जल आपूर्ति ने कहा कि मैसर्स इकोसिस्टम रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड सूरत को नई दिल्ली नगर परिषद के साथ अतिरिक्तजल संसाधन सुविधाओं को विकसित करने की इस अभिनव पीपीपी परियोजना में शामिल होने का सौभाग्य मिला है। सीवेज के पानी के उपचार के लिए एसटीपी स्थापित करना और बागवानी के उद्देश्य से उसका उपयोग करना।