नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव को टालने के दिल्ली चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का चुनाव आयोग को चुनाव टालने को कहना और आयोग का केंद्र के सामने झुक कर चुनाव टालना, दोनों ही जनतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने किसी राज्य के चुनाव आयोग को चुनाव टालने के लिए कहा है। लोग कह रहे हैं कि तीनों एमसीडी को एक करना तो एक बहना है, असली मकसद तो चुनाव टालना है। क्योंकि आम आदमी पार्टी की जबरदस्त लहर है, जिसमें भाजपा हार जाएगी। केजरीवाल ने पीएम से अपील करते हुए कहा कि चुनाव कैंसिल न कराइए। अगर चुनाव कैंसिल होते हैं, तो यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि कल केजरीवाल भी नहीं रहेगा और मोदी भी नहीं रहेंगे, लेकिन यह देश रहेगा और इस देश को अपने को कमजोर नहीं करना है। स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से भी कहना चाहूंगा कि अगर आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा। आप संयोजक ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि चुनाव का तीनों नगर निगमों को एक साथ करने से क्या लेना-देना है आज तीन नगर निगम हैं और दिल्ली में कुल 272 वार्ड हैं। तीनों नगर निगमों के पार्षद अपने अलग-अलग नगर निगमों में बैठते हैं। चुनाव हो जाने दीजिए। अगर तीनों को एक भी कर देंगे, तो वो एक जगह बैठने लग जाएंगे। अभी चुनाव टालने की क्या जरूरत है चुनाव कराओ। नए पार्षद आएंगे और जब तक तीनों नगर हैं, तब तक वे तीनों में बैठ जाएंगे और जब एक नगर निगम हो जाएगा, तो वे एक साथ आकर बैठ जाएंगे। इसलिए चुनाव टालने की तो कोई जरूरत ही नहीं थी। लेकिन इनका मकसद तीनों नगर निगमों को एक करने का नहीं था। अगर करना होता, तो ये लोग सात साल में कर लेते। इनका मकसद केवल चुनाव टालने का था। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। दोनों ही चीजें अच्छी नहीं है। पहला यह कि जो केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को चुनाव टालने को कहा कि वो भी ठीक नहीं है। दूसरा यह कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के सामने झुक गया और चुनाव टाल दिया। यह भी जनतंत्र के लिए ठीक नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि लोगों के मन में दो-तीन बातें चल रही हैं। सात-आठ साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है। अगर इनको तीनों एमसीडी को एक करना था, तो पिछले सात साल में इन्होंने क्यों नहीं किया चुनाव की तारीखों के एलान के एक घंटा पहले इनको अचानक याद आई कि तीनों एमसीडी को एक करना है, इसलिए चुनाव को टाल दिया जाएं। लोग कह रहे हैं कि एमसीडी को एक करना तो केवल एक बहाना है। असली मकसद तो चुनाव टालना था, क्योंकि बीजेपी को लग रहा था कि अगर दिल्ली नगर निगम के चुनाव होंगे, तो आम आदमी पार्टी की जबरदस्त लहर है। उस लहर में बीजेपी उस लहर में बह जाएगी और बीजेपी हार जाएगी। इसलिए चुनाव टालने की मंशा से यह किया गया है।ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि सरकारें आती-जाती रहेंगी। कल आप भी नहीं होंगे और कल मैं भी नहीं होउंगा। हम महत्वपूर्ण नहीं हैं, लोग महत्वपूर्ण नहीं हैं, पार्टियां महत्वपूर्ण नहीं है। देश महत्वपूर्ण है। अगर हम चुनाव आयोग को दबाव डाल कर चुनाव कैंसिल कराते हैं, तो इससे चुनाव आयोग कमजोर होता है और चुनाव कैंसिल होते हैं, तो देश कमजोर होता है। हम सब को मिलकर देश की रक्षा करनी है। किसी भी हालत में हमें संस्थानों को कमजोर नहीं होने देना है। मेरी विनती है कि चुनाव कैंसिल न कराइए। अगर चुनाव कैंसिल होते हैं, यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। आज यह कहा जा रहा है कि हम तीनों एमसीडी एक करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए। मान लो कि कल को लोकसभा का चुनाव है और उससे पहले कहा जाएगा कि पार्लियामेंट्री सिस्टम अच्छा नहीं हैं, हम प्रेसीडेंशियल सिस्टम लाना चाहते हैं और संविधान में बदलाव करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए, तो क्या चुनाव टाले जाएंगे। मान लो कि कल को कोई राज्य विधानसभा का चुनाव है और यह कहा जाएगा कि हम दो राज्यों को एक करना चाहते हैं, इसलिए चुनाव टाल दीजिए, तो क्या चुनाव टाल दिए जाएंगे। क्या जनतंत्र के अंदर ऐसे चुनाव टाले जा सकते हैं। यह बहुत बड़ा प्रश्न है। केजरीवाल ने कहा कि मुझे नहीं पता कि जो हमारे स्टेट इलेक्शन कमिश्नर हैं, उन पर ऐसा क्या दबाव डाला गया, उनको क्या धमकी दी गई, इनकम टैक्स, ईडी, सीबीआई की कोई धमकी दी गई या अभी वे अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, तो उन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद उनको कोई लालच दिया गया। यह सब मुझे नहीं पता कि क्या दिया गया? लेकिन वो तुरंत एक घंटे के अंदर चुनाव टालने को तैयार हो गए। ऐसे संस्थाएं कैसे चलेंगी मैं स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से भी कहना चाहूंगा कि अगर आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा। इस देश ने आजादी किस लिए पाई थी। क्योंकि इस देश के अंदर जनतंत्र है, जनता का राज है। आप ऐसे चुनाव टाल देंगे, तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा। मुझे नहीं पता कि आप पर क्या दबाव डाला जा रहा है मुझे नहीं पता कि आपको क्या धमकी दी जा रही है या क्या लालच दिया जा रहा है, लेकिन जो भी धमकी या लालच दी जा रही है, आप बाहर आकर देश को बता दीजिए। सारी जनता को बता दीजिए। पूरा देश आपके साथ खड़ा होगा, पूरा देश आपका साथ देगा, लेकिन किसी के सामने झुकिए मत। यह देश की बात है, जनतंत्र की बात है।