नई दिल्ली – किसानधन, सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी और किसानों के लिए मल्टी-एसेट एनबीएफसी, ने 3,244.22 करोड़ रुपये से अधिक के लोन वितरित कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने अपने टेक-इनेबल एग्री फाइनेंसिंग प्रोडक्‍ट्स से देश भर में 7,11,277 लाख किसानों को सशक्त बनाया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में किसानधन की पहुंच मजबूत हुई और सुदूर क्षेत्रों के किसानों को भी ऋण सुविधा का लाभ मिला। 14 से अधिक राज्यों में कार्यरत किसानधन, किसानों, एफपीओ, व्यापारियों और छोटे-मध्यम उद्यमों को लगातार आसान और कस्‍टमाइज वित्तीय समाधान प्रदान कर रही है। कंपनी ने अपने कमोडिटी-बेस्‍ड फाइनेंस मॉडल के तहत 49,976 स्टोरेज रसीदों के आधार पर 2,539.75 करोड़ रुपये के लोन वितरित किए हैं, जो वेयरहाउस रसीद वित्तपोषण में इसकी अग्रणी भूमिका को दर्शाता है। किसानधन एग्री-क्रेडिट समाधानों की पेशकश करती है और इसका मकसद सभी को ऋण तक पहुंच मुहैया कराना है।
अब तक, किसानधन के ग्राहकों की संख्‍या 37,642 पहुंच गई है, जिसमें कृषि व्यापारी, किसान उत्पादक संगठन, महिला लाभार्थी, किसान और अन्य हितधारक शामिल हैं। यह कंपनी के वित्तीय समावेशन पर मजबूत फोकस को दर्शाता है। किसानधन ने महिला ऋण लाभार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जिसमें 37,185 महिलाओं को सहायता प्रदान की गई। इन लाभार्थियों के लिए औसत लोन राशि 43,317 रुपये रही, जो ग्रामीण भारत में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए छोटे और ज़रूरतों के मुताबिक लोन देने की किसानधन की प्रतिबद्धता दिखाती है। किसान उत्पादक संगठनों की मदद के लिए, किसानधन ने 125 एफपीओ को अपनी सेवाएँ दीं और 84 हजार से ज्यादा छोटे व सीमांत किसानों और उनके परिवारों को सशक्त किया। इससे उन्हें आसान लोन और कृषि व्यापार में बेहतर सौदेबाजी का मौका मिला।किसानधन ने हाल ही में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में ‘जन समृद्धि’ नामक माइक्रो लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी को शामिल किया है। इसके तहत अब तक 1.13 करोड़ रुपये के लोन वितरित किये जा चुके हैं , जो जमीनी स्तर पर वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ाने की दिशा में एक अच्‍छी शुरुआत है। एसएलसीएम ग्रुप के सीईओ संदीप सभरवाल ने किसानधन की उपलब्धि पर कहा, हम हमेशा से चाहते थे कि खेती के सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का एक मजबूत और जुड़ा हुआ सिस्टम बने। हमें खुशी है कि किसानधन इस सपने को सच करने में मदद कर रहा है, क्योंकि यह किसानों को पैसे देकर उन्हें मजबूत बना रहा है। तकनीक और मिलकर काम करने की वजह से किसानधन सिर्फ लोन ही नहीं दे रहा, बल्कि किसानों को ताकत दे रहा है, गाँवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है और हमारे देश में खाद्य उत्पादन की सुरक्षा बढ़ाने में मदद कर रहा है। एक तरह से, किसानधन इन सब अच्छे कामों के लिए बीज बो रहा है। उन्होंने आगे कहा, 3,000 करोड़ रुपये के लोन बांटने का आंकड़ा पार करना हमारे किसानों को सशक्त करने की प्रतिबद्धता दिखाता है। हर लोन सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि एक जीवन को बदलने, परिवार को बेहर बनाने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने का मौका है। वहीं, किसानधन के सीईओ गुरिंदर सिंह सेहेम्‍बे ने कहा, “किसानधन की तरक्‍की इसलिए हुई है क्योंकि हमारी वित्तीय सेवाएँ सबको साथ लेकर चलती हैं, तकनीक का इस्तेमाल करती हैं और किसानों की ज़रूरतों के हिसाब से बनाई गई हैं। हमारा मानना है कि हर किसान को लोन मिलना चाहिए, चाहे वह कहीं का भी हो या महिला हो या पुरुष। हमें अपने ग्राहकों और किसानों के विश्वास पर बहुत गर्व है। हम आगे भी नए तरीके खोजते रहेंगे ताकि भारत के किसानों की खेती से जुड़ी पैसे की ज़रूरतें पूरी हो सके और हम कृषि मूल्य श्रृंखला में में भी अपनी पहुंच बढ़ाएंगे।आंकड़े 31 मार्च 2025 तक के हैं