नई दिल्ली – कृषि क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कंपनी, सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट ने पंजाब नेशनल बैंक और बंधन बैंक के साथ साझेदारी की है। इसका मकसद किसानों और कृषि से जुड़े लोगों को देशभर में आसान शर्तों पर फसल कटाई के बाद का कर्ज दिलाना है।एसएलसीएम इसके लिए अपनी खास तकनीक ‘ऐग्री रीच’ का इस्तेमाल करेगा, जिससे बैंकों को बेहतर तरीके से कर्ज देने में मदद मिलेगी और किसानों को सुरक्षित भंडारण की सुविधाएं मिलेंगी। इस तकनीक ने फसल नुकसान को 10% से घटाकर सिर्फ 0.5% कर दिया है, जिससे लाखों किसानों को फायदा हुआ है। 15 साल से अधीक अनुभव के साथ, एसएलसीएम ग्रुप ने भारत और म्यांमार में 23 से ज्यादा बड़े बैंकों के साथ मजबूत भरोसा और रिश्ते बनाए हैं। यह कंपनी वेयरहाउस रिसीट फाइनेंसिंग के लिए कई बैंकों के साथ काम करती रही है, जहां वह उनके लिए कोलेटरल मैनेजर की भूमिका निभाती है। एसएलसीएम डिजिटली चलने वाले गोदामों, माल की गुणवत्ता और मात्रा की देखभाल, जोखिम प्रबंधन और सुरक्षा सेवाओं जैसे कई आसान समाधान भी प्रदान करती है। नई साझेदारी की घोषणा पर एसएलसीएम के ग्रुप सीईओ, संदीप सभरवाल ने कहा, भारत में 16 बैंकों के साथ हमारी साझेदारी ने हमें पूरे उद्योग में बैंकों के लिए ‘पसंदीदा साथी’ बना दिया है। पंजाब नेशनल बैंक और बंधन बैंक के साथ यह गठजोड़ हमारी वैज्ञानिक और नई तकनीकों में उनके भरोसे को दिखाता है। हमारी फिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ऐग्री रीच तकनीक से हम बैंकों की मदद कर रहे हैं ताकि वे किसानों को आसानी से और सुरक्षित तरीके से कर्ज दे सकें, जिससे कर्ज न चुकाने का खतरा कम हो रहा है और किसानों को बेहतर वित्तीय सुविधाएं मिल रही हैं। इस साझेदारी में बंधन बैंक और पंजाब नेशनल बैंक की वित्तीय विशेषज्ञता को एसएलसीएम के अनोखे कोलेटरल मैनेजमेंट और वेयरहाउस सेवाओं से जोड़ा गया है। इससे किसानों और कृषि व्यवसायों को बड़ी सहूलियत मिलेगी, जिससे वे सुरक्षित रूप से अपनी फसल का भंडारण कर सकेंगे और जरूरी वित्तीय मदद भी हासिल कर पाएंगे।एसएलसीएम का नेटवर्क भारत के 19 राज्यों में फैला है, जिसमें 16,742 से ज्यादा गोदाम और 36 कोल्ड स्टोरेज शामिल हैं। यह 1,080 से ज्यादा वस्तुओं के लिए फसल कटाई के बाद से लेकर अंत तक समाधान प्रदान करती है। इस साझेदारी से कपास, दलहन, मक्का, मसाले और मेंथा तेल जैसी वस्तुओं के लिए फाइनेंस और कोलेटरल मैनेजमेंट सेवाएं बढ़ेंगी।