नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण से अनुरोध किया कि शीर्ष अदालत में प्रत्यक्ष सुनवाई को महामारी से पहले की तरह फिर से शुरू किया जाए क्योंकि कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है। साथ ही कहा कि खुली अदालत में सुनवाई परंपरा और संवैधानिक आवश्यकता दोनों है। प्रधान न्यायाधीश को संबोधित एक पत्र में एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर चार प्रतिशत से नीचे आ गई है और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने सात फरवरी से यहां स्कूल, कॉलेज और जिम फिर से खोलने का फैसला किया है। पिछले साल दिसंबर में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण मामलों की संख्या बढऩे के बाद शीर्ष अदालत वर्तमान में मामलों की सुनवाई डिजिटल तरीके से कर रही है। पत्र में कहा गया है कि मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत के कारण, शीर्ष अदालत ने मामलों की सुनवाई डिजिटल तरीके से शुरू कर दी थी और पिछले साल नौ नवंबर से, उसने एक सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू की थी। पत्र में कहा गया है, खुली अदालत में सुनवाई उच्चतम न्यायालय में परंपरा और संवैधानिक आवश्यकता दोनों है। इसलिए, अनुरोध किया जाता है कि शीर्ष अदालत में प्रत्यक्ष सुनवाई फिर से शुरू की जाए जैसा कि महामारी के पहले होती थी। एससीबीए ने कहा कि देश में महामारी पिछले दो हफ्तों में और दिल्ली में बहुत नियंत्रण में है और संक्रमण दर अब तक घटकर 3.85 प्रतिशत हो गई है। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली में अब कार्यालयों को 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दी गई है और नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के स्कूल 14 फरवरी से फिर से खुलेंगे। पत्र में कहा गया, इन परिस्थितियों में, अब सभी पांच दिनों में पूर्ण रूप से प्रत्यक्ष सुनवाई के लिए सर्वाेच्च न्यायालय को तुरंत नहीं खोलने का कोई औचित्य नहीं है। एससीबीए अध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि जैसा कि नवंबर और दिसंबर 2021 में शीर्ष अदालत में प्रत्यक्ष सुनवाई के पहले चरण में दिखा था, वकील मास्क पहनना जारी रखेंगे और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।