नई दिल्ली -भाजपा और आप ने अपने झगड़े भुलाकर सांठ-गांठ कर ली और उपराज्यपाल के जरिये अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहीं आंगनवाड़ी वर्कर्स पर छह महीने के लिए एस्मा लगा दिया है। यह कहना है दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की अध्यक्ष शिवानी कौल का एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और एलजी ने मिलकर आंगनवाडी वर्कर्स पर लगाया गया एस्मा कानून जनविरोधी, मजदूर विरोधी और मजदूरों के हड़ताल करने और संगठित होने के अधिकार से भी वंचित करता है। यह कानून मजदूरों के मौलिक अधिकारों पर हमला करता है। उन्होंने कहा कि हम एस्मा को हटाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। शिवानी ने कहा कि हमारे संघर्ष के कारण दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर नवलेंद्र कुमार सिंह को अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ी। विभाग के नए मंत्री कैलाश गहलोत ने एस्मा के जरिए हड़ताली बहनों से बदला लेने की भावना से प्रेरित होकर पत्र जारी कर दिया है। ऐसा लगता है मंत्री ने आंदोलन से कोई सीख नहीं लिया है, इनका भी वही हश्र होगा जो राजेंद्र पाल गौतम का हुआ। दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने कार्यभार संभालने के बाद हुमायूंपुर और निजामुद्दीन में दो आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा किया। इस दौरान मंत्री कैलाश गहलोत ने अपील करते हुए कहा कि सभी आंगनवाड़ी कर्मी काम पर लौट आएं। बच्चों के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। दौरे के दौरान डब्ल्यूसीडी के निदेशक रश्मि सिंह, डब्ल्यूसीडी के संयुक्त निदेशक नंदिनी महाराज, हुमायूंपुर की सीडीपीओ नीरू गहलोत और निजामुद्दीन की सीडीपीओ मंजुला कथूरिया भी मौजूद रहीं। मंत्री ने कहा कि मैंने आंगनवाड़ी वर्कर्स को यह आश्वासन दिया है कि दिल्ली सरकार उनकी मांगों और शिकायतों को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। मैं उन सभी आंगनवाड़ी कर्मियों से अपील करता हूं जो अभी तक काम पर नहीं लौटे हैं, वे काम पर लौट जाएं। दिल्ली के बच्चों के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।