नई दिल्ली- दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली देहात और दिल्ली के किसानों की लगातार अनदेखी और सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है। दिल्ली सरकार ने चार साल के दौरान 700 करोड़ रुपए दिल्ली ग्रामीण विकास बोर्ड को देने का ऐलान किया है। दिल्ली सरकार ने इस साल बारिश में 100 गांवों की तबाह हुई फसल के बदले मुआवजे का ऐलान किया था। न तो चार साल के दौरान कोई विकास कार्य हुआ न ही अब मुआवजा मिला है। किसान पिछले 13 दिन से मुख्यमंत्री निवास के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं लेकिन आज तक उनसे कोई मिलने तक नहीं आया। बिधूड़ी ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने इस साल बारिश में तबाह हुई फसल के बदले किसानों को 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के मुआवजे का ऐलान किया था लेकिन पांच-सात किसानों को मुआवजे का चैक देकर सिर्फ प्रचार करा लिया गया। स्थिति यह है कि कई गांवों में किसानों की जमीन पर पिछले दो सालों से पानी भरा हुआ है लेकिन न तो पानी की निकासी का प्रबंध किया गया है और न ही सरकार द्वारा घोषित मुआवजे की राशि मिल पाई है। बिधूड़ी ने कहा कि यह राशि कम से कम 50 हजार रुपए प्रति एकड़ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने जुलाई 2017 में ग्रामीण विकास बोर्ड के लिए 300 करोड़ रुपए मंजूर करने का ऐलान किया था। इसके बाद अभी दो महीने पहले दिसंबर में भी 399 करोड़ रुपए मंजूर करने का ऐलान किया लेकिन गांवों में पिछले सात सालों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। वहां सडक़ों की हालत बहुत खराब हो चुकी है। कोई कम्युनिटी सेंटर, स्कूल, कॉलेज या अस्पताल भी नहीं खोला गया है। सरकार को यह बताना होगा कि गांवों में खर्च करने के लिए 700 करोड़ रुपए की जो घोषणा की गई थी, आखिर वह राशि कहां गई। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के किसान अपनी मांगों के समर्थन में पिछले 13 दिन से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं लेकिन लेकिन उनकी किसी मांग पर गौर करना दूर, उनसे आज तक बात ही नहीं की गई। मुख्यमंत्री के तो राजनीतिक टूरिज्म पर हैं लेकिन क्या दिल्ली सरकार पूरी तरह ठप्प हो गई है और किसी और मंत्री या अधिकारी के पास भी इन किसानों से बात करने का वक्त नहीं है।