नई दिल्ली – हाल के वर्षों में ध्यान ने आध्यात्मिक और न्यू एज प्रथाओं से आगे बढ़ते हुए मुख्यधारा में अपनी जगह बनाई है। यह बढ़ती लोकप्रियता कोई क्षणिक प्रवृत्ति नहीं है। वैज्ञानिक अनुसंधान से यह साबित हो रहा है कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन,जो हमें वर्तमान समय में सांस, विचार और संवेदनाओं के प्रति जागरूक बनाता है, साथ ही मस्तिष्क को नया आकार देने और मानसिक स्वास्थ्य में बदलाव लाने में सक्षम है। इदानिम के सह-संस्थापक और स्वयं एक प्रसिद्ध ध्यान अध्यापक रमन मित्तल ध्यान के दीर्घकालिक प्रभाव इसकी असली शक्ति को दिखाते हैं। निरंतर माइंडफुलनेस अभ्यास मस्तिष्क की संरचना और कार्यक्षमता पर गहरा प्रभाव डालता है, जिससे मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक संतुलन और तनाव को कम करने में मदद मिलती है। ध्यान के पीछे का विज्ञान न्यूरोप्लास्टिसिटी पर आधारित है यह मस्तिष्क की वह क्षमता है जो इसे नए न्यूरल कनेक्शन बनाने और खुद को पुनर्गठित करने में सक्षम बनाती है।न्यूरोसाइंस के अध्ययन यह बताते हैं कि ध्यान मस्तिष्क के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स की मोटाई बढ़ाने में मदद करता है। यह मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो निर्णय लेने, ध्यान केंद्रित करने और भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है। नियमित ध्यान अभ्यास इस क्षेत्र को मजबूत करता है, जिससे भावनाओं को नियंत्रित करने और तनावपूर्ण स्थितियों में स्थिर रहने की क्षमता बढ़ती है। इसके साथ ही, ध्यान अमिगडाला मस्तिष्क के भावनात्मक केंद्र के आकार को काफी हद तक कम करता है, जो डर और तनाव जैसी प्रतिक्रियाओं से जुड़ा होता है।माइंडफुलनेस मेडिटेशन का मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव है। यह चिंता और अवसाद के नकारात्मक चक्र को तोड़ने में मदद करता है। माइंडफुलनेस हमें अपने विचारों को बिना निर्णय के देखने का अभ्यास कराती है, जिससे हमारे और विचारों के बीच एक दूरी बनती है। यह बदलाव अवसाद और चिंता के लक्षणों को कम करता है। अध्ययनों ने यह भी साबित किया है कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन हल्के और मध्यम अवसाद के मामलों में एंटीडिप्रेसेंट दवाओं के समान प्रभावी हो सकता है।ध्यान तनाव को शारीरिक स्तर पर भी कम करता है। यह शरीर के पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को सक्रिय करता है, जिसे रेस्ट एंड डाइजेस्ट प्रणाली भी कहा जाता है। यह कोर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन को कम करता है, जिससे नींद, पाचन और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।ध्यान की सुंदरता यह है कि इसे कोई भी, किसी भी समय शुरू कर सकता है। रोज़ाना कुछ मिनटों का अभ्यास भी मस्तिष्क में ऐसे बदलाव ला सकता है जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं। यह न केवल शांतिपूर्ण क्षण प्रदान करता है बल्कि हमारे मस्तिष्क को स्थायी मानसिक और भावनात्मक लचीलापन विकसित करने में भी मदद करता है। वैज्ञानिक प्रमाण अब इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि ध्यान हमारी मानसिक स्थिति को सुधारने और हमें तनावमुक्त जीवन जीने में मदद करता है।ध्यान न केवल शांतिपूर्ण समय प्रदान करता है बल्कि हमारे मस्तिष्क को स्थायी मानसिक और भावनात्मक लचीलापन विकसित करने में भी सहयोग करता है। यह केवल एक गतिविधि नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है। यह हमें हर पल में जागरूक और मौजूद रहने का अभ्यास सिखाता है। चाहे यह भोजन करना हो, चलना हो या किसी से बात करना हो, माइंडफुलनेस का अभ्यास हमारे रोज़मर्रा के जीवन को बेहतर बना सकता है।नर्वस सिस्टम को सक्रिय करने में ध्यान की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण है, ध्यान ही शक्ति है।