नई दिल्ली- दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि भले ही कोरोना के कारण ज्यादा लोगों को अस्पतालों में भर्ती नहीं होना पड़ रहा लेकिन इससे दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी कम हीं हो जाती। लोगों को कोरोना से बचाने के लिए एहतियाती उपायों पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही। बिधूड़ी ने कहा कि मार्च के पहले सप्ताह में दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट आधा प्रतिशत से भी कम हो गया था और प्रतिदिन आने वाले मामले भी 100 से कम हो गए थे लेकिन अब मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और पॉजिटिविटी रेट फिर से 5 प्रतिशत से अधिक हो गया है। 1200 से ज्यादा नए मरीजों का पता चला है जिसका अर्थ यह है कि कोरोना पर काबू पाने के प्रयासों में सफलता नहीं मिल रही बल्कि दिल्ली चौथी लहर की तरफ बढ़ रही है। नेता प्रतिपक्ष ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के उन बयानों पर हैरानी जाहिर की है कि अभी कोई चिंता की बात नहीं है क्योंकि लोगों की हालत गंभीर नहीं हो रही और अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं। बिधूड़ी ने सवाल उठाया है कि क्या सरकार को तभी चिंता होगी, जब लोगों को अस्पतालों में दाखिल होने की नौबत आ जाए, आखिर सरकार इससे पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठा रही। उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्कूलों से बच्चों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ के कोरोना से पीडि़त होने की खबरें आ रही हैं। सरकार ने नई गाइडलाइंस बनाई हैं लेकिन जिन बच्चों को अभी तक वेक्सीन नहीं लग पाई, उन्हें क्यों खतरे में डाला जा रहा है। उनके लिए ऑनलाइन क्लास की भी व्यवस्था क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि बाजारों में फिर से भीड़ उमड़ रही है और लोग कोविड प्रोटोकोल का उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार ने कोरोना के नियमों के उल्लंघन के नाम पर करोड़ों रुपए का जुर्माना वसूल किया हुआ है। उस राशि का इस्तेमाल जनता को कोरोना नियमों का पालन कराने के लिए क्यों नहीं किया जा रहा।