नई दिल्ली- शिक्षा तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने उद्योगों एवं 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप स्कूली स्तर से कौशल विकास का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पीएसयू से सुझाव मांगा।उद्यमिता को प्रोत्साहित करने एवं स्किल इंडिया 2.0 को अंतिम रूप देने के विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रधान ने यह बात कही।कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने कहा कि देश में 15 से 25 वर्ष के युवाओं की संख्या करीब 25 करोड़ है जिसमें से 11 करोड़ स्कूल, आईटीआई, अन्य उच्च शिक्षण संस्थान आदि में किसी कोर्स से जुड़े हैं।  उन्होंने कहा कि इसके बावजूद करीब 14 करोड़ युवाओं को किसी प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है, वे मानक प्रमाणपत्र से वंचित हैं। प्रधान ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा तैयार करने में जुटी है और देश के कार्य बल को स्कूल के स्तर से कौशल सम्पन्न बनाने के लिए तैयारी की जा रही है। मंत्री ने कहा, कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा का कार्यादेश दस्तावेज आ गया है। इसके आधार पर पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार होगी, फिर पाठ्यक्रम बनेगा और इसके आधार पर पाठ्यपुस्तक तैयार होंगी। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से कहा कि वे चाहे उपकरण से जुड़े हों, खनन क्षेत्र से, दूरसंचार अथवा किसी अन्य क्षेत्र से जुड़े हों लेकिन इन सभी में ऊर्जा, टिकाऊ विकास एक महत्वपूर्ण पहलू है।  प्रधान ने कहा कि 21वीं सदी में कृत्रिम बुद्धिमता, डाटा कोडिंग, ब्लाक चेन सहित अन्य विषयों का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने पीएसयू से कहा, हमारे बुनियादी कार्याे की प्रकृति बदल रही है, ऐसे में बच्चों को कौशल विकास से जुड़े क्या विषय सिखाए जाएं बच्चों को क्या क्या चीजें आनी चाहिए इस बारे में आप सुझाव दें। प्रधान ने कहा कि वे अपने अधिकारियों से कहेंगे कि इस कार्यशाला में शामिल सभी पीएसयू को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा का कार्यादेश दस्तावेज 10 दिनों में भेजे और इसके आधार पर पीएसयू सुझाव दें ताकि पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद मिल सके। कार्यशाला में हिस्सा लेते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हमारा लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा कौशल सम्पन्न कार्यबल तैयार करना है।  उन्होंने पीएसयू से कहा कि वे इस बात पर विचार करें कि क्या वे अपने कौशल विकास कार्यक्रम को स्किल इंडिया पोर्टल से जोड़ सकते हैं।